अन्तर्राष्ट्रीय
11 मर्दों के साथ संबंध बनाने वाली महिला को मिली खौफनाक सजा, सुनकर कांप उठेगी रुह
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कुछ घटनाएं ऐसी होती है जिसके बारे में जानकर रुह कांप जाती है। ऐसा ही कुछ एक महिला के साथ हुआ जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। घटना सोमालिया की है जहां एक महिला को आतंकियों ने पत्थर मार-मार कर मौत के घाट उतार दिया गया। महिला आतंकी समूह अल-शबाब की अदालत के नजर में दोषी पाई गई थी।
शुकरी अब्दुल्लाही वारसेम नाम की महिला पर बिना पिछले पतियों को तलाक दिए 11 शादियां करने का आरोप था। उसे जमीन में गर्दन तक गाड़ दिया गया, फिर आतंकियों ने पत्थर मार-मार उसकी जान ले ली। बता दें कि अल-शबाब नाम का यह आतंकी संगठन शरिया कानून का सख्ती से पालन करता है।
अल-शबाब के गवर्नर मोहम्मद अबू उसामा ने रॉयटर्स को बताया, ”शुकरी अब्दुल्लाही और उसके कानूनी पति समेत 9 पतियों को अदालत लाया गया था। हर एक ने कहा कि वह उसकी पत्नी थी।”
इस्लामिक कानून के मुताबिक- एक महिला के एक से ज्यादा शौहर होना गैरकानूनी है मगर मर्द चार शादियां कर सकते हैं। पति-पत्नी दोनों के लिए तलाक की व्यवस्था है मगर पति अपनी पत्नियों से खुद अलग हो सकता है, जबकि महिला को पति की इजाजत लेनी पड़ती है। अगर पति इनकार कर दे तो फिर उसे तलाक के लिए धार्मिक अदालत की शरण लेनी पड़ती है।
अन्तर्राष्ट्रीय
इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून
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ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।
क्या होगा कानून
इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।
विधेयक पर तीखी बहस
ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा।
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