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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की देखभाल करेंगे एम्स और आर्मी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर

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प्रयागराज| महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए इस बार विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप स्वस्थ महाकुम्भ की योजना को साकार करने के लिए मेला क्षेत्र में युद्ध स्तर की तैयारी की जा रही है। इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं से लेकर महात्माओं तक के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़े पैमाने पर तैनाती की जा रही है। इसी क्रम में यहां प्रयागराज के परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल तैयार किया जा रहा। वहीं, इस बार महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एम्स रायबरेली और आर्मी अस्पताल के स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात किए जा रहे हैं।

24 घंटे काम करेगा अस्पताल

परेड क्षेत्र में बन रहे 100 बेड वाले अस्पताल की जिम्मेदारी देख रहे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गौरव दुबे कहते हैं कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न आने पाए इसके लिए हमारी तैयारी पुख्ता है। परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल लगभग 70 फीसदी बनकर तैयार है। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले जरूरी इंतजाम पूरे करने के लिए 24 घंटे काम चल रहा है। मेला के दौरान यहां 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती रहेगी, जहां अनलिमिटेड ओपीडी की क्षमता के हिसाब से सुविधाएं मौजूद रहेंगी।

डिलीवरी रूम और इमरजेंसी वार्ड की भी मिलेगी सुविधा

उन्होंने बताया कि महाकुम्भ में मेल, फीमेल और चिल्ड्रन वार्ड अलग-अलग तैयार किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त डिलीवरी रूम, इमरजेंसी वार्ड और डॉक्टर्स रूम भी रहेंगे। जांचों की भी विशेष व्यवस्था होगी। जिससे यहां आने वाले किसी एक भी व्यक्ति को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। विशेष तौर पर सामान्य जांच के बाद मरीज को तत्काल दवा उपलब्ध कराने का भी पूरा इंतजाम रहेगा।

श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएंगी

इसके साथ ही विशेष सुविधाओं वाले 20-20 बेड के आठ छोटे अस्पताल भी श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए तैयार किया जा रहे हैं। मेला क्षेत्र और अरैल में 10-10 बेड के दो आईसीयू, आर्मी हॉस्पिटल की ओर से बनाए जा रहे हैं, जहां श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। वहीं, झूंसी के 25 बेड वाले अस्पताल में 10 बेड का आईसीयू एम्स रायबरेली बनाएगा, जहां 24 घंटे मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए दो अस्पतालों में तैनात रहेंगे विशेषज्ञ

दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अंदाजा है। जिसके मद्देनजर सभी को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है। इसी उद्देश्य के तहत देश-विदेश से महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जा रही है। इसमें सामान्य अस्पतालों के अलावा संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए भी दो अस्पतालों का इंतजाम किया गया है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

अतुल सुभाष सुसाइड केस: गिरफ्तार हो सकती हैं पत्नी और सास, पुलिस ने घर पर नोटिस चस्पा किया

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बेंगलुरु। अतुल सुभाष सुसाइड केस में उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया गिरफ्तार हो सकती हैं। छानबीन के लिए जौनपुर में निकिता के घर पहुंची जहां पुलिस को ताला लटका मिला। बता दें कि निशा और उनका बेटा अनुराग एक दिन पहले ही घर बंद कर अंधेरे में निकल गए थे. फिलहाल पुलिस ने घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस जारी करने के तीन दिन के भीतर दोनों को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। इससे पहले अतुल के भाई की शिकायत के आधार पर कर्नाटक पुलिस निकिता की मां, भाई और अंकल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। हालांकि, परिवार बीती रात से फरार है।

इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें निकिता के परिवारवाले मीडिया को धमकाते हुए नजर आए थे। परिवारवाले मीडियाकर्मियों से कह रहे थे कि वो बिना अपने वकील के परामर्श इस विषय पर किसी भी प्रकार की टिप्पण नहीं करेंगे। अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में इन चारों के खिलाफ मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था।

बता दें कि आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वहीं, निकिता की मां ने अतुल के सभी आरोपों को खारिज कर कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी कुंठा जाहिर करने के लिए उनके परिवार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।

फिलहाल, पुलिस इस मामले में संलिप्त सभी आरोपियों की तलाश कर रही है। अतुल सुभाष के भाई विकास ने बुधवार को कहा था, “मैं चाहता हूं कि मेरे भाई को इंसाफ मिले। मैं चाहता हूं कि इस देश में एक ऐसी न्यायिक व्यवस्था स्थापित की जाए, जिससे पुरुषों को इंसाफ मिल सके। मैं उन लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करना चाहता हूं, जो इस देश में विधिक पद पर बैठे हुए हैं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अगर यह लोग इसी तरह से भ्रष्टाचार करते रहे, तो कभी-भी किसी को इंसाफ नहीं मिलेगा।”

 

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