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प्रादेशिक

विधानसभा में लगेगी भगत सिंह की मूर्ति, बलिदान दिवस पर होगा अवकाश, सीएम भगवंत मान का ऐलान

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पंजाब विधानसभा में शहीद-ए-आजम भगत सिंह और संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की मूर्तियां लगाई जाएंगी। इसके अलावा भगत सिंह के बलिदान दिवस पर सरकारी अवकाश भी होगा। पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को विधानसभा में यह ऐलान किया। उन्होंने सदन में यह प्रस्ताव पेश किया, जिसे मंजूरी दी गई है। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस 23 मार्च को अवकाश का भी सीएम ने ऐलान कर दिया है। यह फैसला इसी 23 मार्च से लागू होगा यानी बुधवार को पंजाब में इसके उपलक्ष्य में सरकारी छुट्टी रहेगी।

इस दौरान कांग्रेस के विधायक प्रताप बाजवा ने विधानसभा में महाराणा रणजीत सिंह की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव दिया। महाराजा को आधुनिक पंजाब का निर्माता माना जाता है। उनकी प्रतिमा पाकिस्तान के लाहौर में भी लगाई गई है। इससे पहले भगवंत मान ने ऐलान किया था कि वह 23 मार्च को ऐंटी करप्शन हेल्पलाइन भी जारी करेंगे। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति वॉट्सऐप पर उनके नंबर पर घूसखोरी अथवा किसी भी तरह के करप्शन की शिकायत करेगा। भगवंत मान ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा था कि आज तक पंजाब के इतिहास में इस तरह का फैसला नहीं हुआ था।

यही नहीं भगवंत मान ने सीएम पद की शपथ भी शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में ली थी। आम आदमी पार्टी लगातार पंजाब में भगत सिंह और भीमराव आंबेडकर की बात करती रही है। माना जाता है कि भीमराव आंबेडकर का जिक्र कर वह दलित समुदाय को लुभाने की कोशिश में है, जबकि भगत सिंह को राष्ट्रवाद और पंजाबियत के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने ऐलान किया है कि सरकारी दफ्तरों में मुख्यमंत्री की तस्वीरें नहीं लगेंगी। उनके स्थान पर भगत सिंह और भीमराव आंबेडकर के चित्र लगाए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में त्रिवेणी तट पर बड़ा फैसला, काशी तक आएगी गंगा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से भी होगी कनेक्ट

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महाकुम्भनगर:- तीर्थराज प्रयाग में 144 वर्ष के बाद महाकुम्भ के शुभ संयोग पर लोककल्याण का संकल्प लेकर बैठी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े फैसले लिए हैं। पावन त्रिवेणी तट पर हुई कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक में 320 किलोमीटर लंबाई वाले ‘विंध्य एक्सप्रेसवे और 100 किमी लंबाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को सैद्धांतिक सहमति दी गई।

विशेष कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित और प्रकरण एक्सप्रेसवे के माध्यम से कनेक्टिविटी नेटवर्क विकास और क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं का विकास हो रहा है। वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेसवे से आच्छादित हैं और अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लंबाई वाले नए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना चाहिए। इस नए एक्सप्रेस में का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा, जबकि सोनभद्र में एनएच 39 पर इसका समापन होगा। इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे की सीधी कनेक्टिविटी होगी, साथ ही, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में झारखंड से भी अच्छा संपर्क स्थापित हो सकेगा।

इसी प्रकार, विंध्य एक्सप्रेसवे पर चंदौली से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना उचित होगा। इसकी लंबाई लगभग 100 किमी होगी।

प्रयागराज को बड़ा उपहार देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज के निर्माण की भी आवश्यकता जताई। उक्त के साथ ही बैठक में साथ ही शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर नया ब्रिज को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तीनों ब्रिज स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को आकार देने वाले होंगे।

त्रिवेणी तट पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरी सरकार ने ‘सुरक्षित और समृद्ध उत्तर प्रदेश’ के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी गंगा, कूर्मवाहिनी यमुना और अंत:सलिला सरस्वती के पावन संगम तट पर एकजुट पूरी योगी सरकार ने राज्य के गरीब युवाओं, किसान और महिलाओं के हित में कई निर्णय लिए। गंगा तीरे बने त्रिवेणी संकुल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वय के साथ सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री गणों की उपस्थिति रही।

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