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उत्तर प्रदेश

गन्ना मूल्य भुगतान, किसान आन्दोलन और भाजपा की जीत- CM योगी ने धो डाला

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लखनऊ। अवसर था विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देने का और प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इस मौके का बखूबी लाभ उठाया। आज शुक्रवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने सपा और इसके प्रमुख अखिलेश यादव को पूरी तरह से धो डाला।

किसानों के लिए सरकार के काम को गिनाते हुए पश्चिमी यूपी में भाजपा की जीत और किसान आंदोलन का भी सीएम योगी ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहले फेज में 58 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 46 पर जीत हासिल की।

सीएम योगी ने कहा, ”अन्नदाता किसानों को लेकर बहुत सारी चीजें कहीं गईं। गुमराह करने वाली बातें होती थीं। किसानों की सर्वाधिक आत्महत्या किस सरकार में हुई? मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि किसानों की सबसे ज्यादा आत्महत्या 2004 से 2016 के बीच हुई।

हम आए 2017 में। प्रदेश की माली हालत अच्छी नहीं थी लेकिन तब भी हम लोगों ने 46 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। धान और गेहूं की खरीद की पारदर्शी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।”

सीएम योगी ने 2012 से 2017 के बीच चली सपा सरकार और 2017 से 22 के बीच भाजपा सरकार में धान और गेहूं की खरीद का ब्योरा भी पेश किया।

119 नई चीनी मिलें, गन्ना किसानों को 1.73 लाख करोड़ का भुगतान

गन्ना किसानों के लिए किए गए काम को गिनाते हुए सीएम योगी ने कहा, ”हमारी सरकार में कोई चीनी मिल बंद नहीं हई, बेची नहीं गई। चौधरी चरण सिंह जी के कर्मभूमि की चीनी मिल वर्षों से बाट जो रही थी, हमारी सरकार ने नई चीनी मिल लगा दी। मुंडेरवा में किसानों पर गोली चलवा दी थी, अब वहां नई मिल चालू हो गई है।

कोरोना काल खंड में 119 चीनी मिलें चलाईं। 1 लाख 73 हजार करोड़ रुपए से अधिक गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है। यह 12-17 के बीच हुए भुगतान से 78 हजार करोड़ से अधिक राशि है।”

कहते थे पहले फेज में देख लेंगे

सीएम योगी ने 2022 विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन को लेकर कथित नाराजगी की ओर इशारा करते हुए कहा, गन्ना किसानों के हितों में कौन काम कर रहा है। जो चीनी मिलें चला रहे हैं, गन्ना मूल्य भुगतान करा रहा हैं वह हितैषी है या जो चीनी मिलों को बेचकर गन्ना किसानों को सड़कों पर बेरोजगार करने का काम कर रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा पहले फेज का चुनाव हुआ, लोग नाराजेबाजी करते थे कि पहले फेज में देख लेंगे, किसान आंदोलन है। 58 सीटों पर चुनाव हुए थे, 46 सीटों पर भाजपा जीती थी क्योंकि अन्नदाता किसान जानता है कि उनके हितों का संवर्धन करने वाली सरकार कौन सी है। एमएसपी की घोषणा 1967 में हुई लेकिन एमएसपी का डेढ़ गुना दाम पीएम मोदी ने दिया।

उत्तर प्रदेश

बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं

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लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।

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