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सर्वोच्च अदालत में एक बार फिर गर्माया, देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री का मामला
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को डॉक्टर दंपति राजेश तलवार और नूपुर तलवार की रिहाई के खिलाफ दायर सीबीआई की एक याचिका मंजूर कर ली। तलवार दंपत्ति पर उनकी बेटी आरुषि और घर के नौकर हेमराज की हत्या का आरोप है।
न्यायधीश रंजन गोगोई की पीठ डेंटिस्ट दंपति की रिहाई के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई है और उन्होंने इस मामले पर दंपति से जवाब मांगा है। अदालत ने सीबीआई की याचिका के साथ हेमराज की पत्नी की याचिका को भी मंजूरी दी है, जिसने दंपत्ति की रिहाई को चुनौती दी थी।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा तलवार दंपति को रिहा करने के 12 अक्टूबर के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तलवार दंपति को संदेह का लाभ देते हुए उनकी 14 वर्षीय बेटी और नौकर हेमराज की हत्या मामले में बरी कर दिया था। दोनों को नोएडा के जलवायु विहार स्थित तलवार दंपति के घर में 16 मई, 2008 को मृत पाया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गाजियाबाद की सीबीआई अदालत द्वारा 26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपति को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को पलट दिया था और तलवार दंपति को रिहा करने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि आरुषि को उसके बेडरूम में मृत पाया गया था। पहले इस हत्या का शक नौकर हेमराज पर था। लेकिन घर की छत पर हेमराज का शव भी पाया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजेश तलवार पर उसकी बेटी की हत्या का आरोप लगाया था। राजेश तलवार को 23 मई, 2008 को गिरफ्तार किया गया था। बाद में 31 मई, 2008 को सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया और प्रारंभ में सीबीआई ने आरुषि के माता-पिता को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाद में दोनों को दोहरे हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया।
सीबीआई ने 13 जून, 2008 को राजेश तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को गिरफ्तार किया। इसके 10 दिनों बाद तलवार के दोस्त के नौकर राज कुमार और तलवार के पड़ोसी के नौकर विजय मंडल को गिरफ्तार किया गया। सबूत नहीं मिलने के बाद तीनों को रिहा कर दिया गया था।
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उद्धव ठाकरे का बैग चेक करने पर बोला चुनाव आयोग- SOP के तहत हुई चेकिंग, नियम सबके लिए समान
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के एयरपोर्ट पर बैग चेक होने के मामले में अब चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिकिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि एजेंसियां SOP का पालन कर रही हैं और उसी के तहत उद्धव के हेलिकॉप्टर की चेकिंग की जा रही है।
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों के लिए समान नियम लागू हैं। इसलिए तलाशी की गई। चुनाव आयोग ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है और आदर्श आचार संहिता के तहत की जाती है।
बता दें कि एयरपोर्ट पर चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा अपना बैग चेक करने पर उद्धव भड़क गए हैं। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जब सोमवार को यवतमाल पहुंचे, तो उनके बैग की रूटीन चेकिंग की गई। उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका बैग तो चेक किया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह के बैग क्यों नहीं चेक होते?
उद्धव ने अधिकारियों से कहा कि आप लोग मेरा बैग तो चेक करो लेकि जब पीएम मोदी और दूसरे नेता तो उनका बैग चेक करने बजाय अपनी ‘पूंछ’ नहीं झुका लेना। जो भी जांच करनी है, बिना किसी दबाव के करनी चाहिए। उद्धव ने कहा कि जांच करने का तरीका सभी के लिए एक समान होना चाहिए, चाहे वह कोई भी नेता हो। उद्धव ने यह भी कहा कि वह इस वीडियो को जारी करेंगे और लोगों को बताएंगे कि जांच किस तरह होनी चाहिए।
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