उत्तर प्रदेश
अक्षय समिति द्वारा 7 से 15 सितंबर तक धूमधाम से मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी का त्यौहार
लखनऊ। पेपर मिल कालोनी में अक्षय समिति द्वारा गणेश चतुर्थी का त्यौहार हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भी अक्षय समिति द्वारा गणेश उत्सव बड़े ही भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में है। इस बार 7 सितंबर से 15 सितंबर तक भक्त गजानन के रंग में डूबे रहेंगे।
इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अक्षय समिति द्वारा लगातार 14 वर्षों से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है और ये लखनऊ की दूसरी सबसे बड़ी गणेश पूजा है। उन्होंने कहा कि पिछली गणेश पूजा में हमारी थीम केदारनाथ मंदिर पर आधारित थी जबकि इस बार हमने जगन्नाथ धाम की थीम रखी है। उन्होंने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि जगन्नाथ धाम हिन्दुओं का सबसे बड़ा धाम है लेकिन लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए हमने फैसला किया है की इसके बारे में जो भी रोचक जानकारियां हैं। जो भी कथाएं हैं उसे हम यहां आने वाले लोगों को बताएं।
उन्होंने कहा कि इस बार जो गणेश जी की मूर्ति यहां आएगी वो लखनऊ की सबसे बड़ी मूर्ति होगी जिसकी ऊंचाई 11 फ़ीट होगी | उन्होंने कहा कि यहां हर शाम 8 बजे के बाद कल्चरल प्रोग्राम होंगे। साथ ही सभी लोगों के लिए खाने के लिए कई तरह की व्यंजनों की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने लखनऊ के लोगों से इस पूजा में सम्मिलित होने की अपील की है।
उत्तर प्रदेश
लंगड़े भेड़िए ने बनाया अपना नया झुंड, डर के साए में जीने को मजबूर लोग
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। माता-पिता अपनी और अपने बच्चों की जान को लेकर फिक्र मंद हैं। यहां पांचवें भेड़िए के पकड़े जाने के बाद अब बस एक लंगड़ा भेड़िया बचा है। यह छठा भेड़िया लगातार महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बना रहा है।
इस बीच बहराइच में भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर की बुधवार शाम चार भेड़ियों का झुंड देखा गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी है। माना जा रहा है कि ये वही भेड़िया है जिसकी वन विभाग को तलाश है। हालांकि भेड़ियों के नए झुंड ने लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया है।
भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी ने बताया है कि सिसैया चूरामनि गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर उनके फार्म हाउस पर बुधवार शाम चार भेड़ियों का एक झुंड देखा गया। इनमें से एक भेड़िया लंगड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों को घेरना शुरू किया तो वे हमारे मक्के के खेत से होते हुए पड़ोसी के खेत में चले गये। अब संभवतः किसी खेत में ही भेड़िए छिपे हैं। हालांकि, वन अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इस नये झुंड में आदमखोर भेड़िया शामिल होगा। अधिकारी ने कहा कि भेड़ियों का ये झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो इसके सदस्य भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर हो सकते हैंर और ज्यादा बढ़ा दिया है।
बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों लोग भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। यहां आदमखोर भेड़ियों ने इस साल मार्च में सबसे पहले एक बच्चे पर हमला कर दिया था, लेकिन जुलाई के बाद से भेड़ियों का हमला बढ़ता जा रहा है। ये भेड़िये अक्सर घरों में सो रहे बच्चों को निशाना बनाते हैं। डेढ़ महीने में भेड़ियों का झुंड महिलाओं और बच्चों समेत दस लोगों की जान ले चुका है. इसके अलावा भेड़ियों ने 35 लोगों को घायल कर दिया है।
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