प्रादेशिक
गुरु परंपरा के प्रति सम्मान व्यक्त करने में कोई भी बाधा नहीं आ सकती: सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख गुरुओं का बलिदान व त्याग हमें प्रेरणा देता है। गुरु गोबिंद सिंह ने अपने चार साहिबजादों को भारत की संस्कृति व धर्म की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया। यह दिन गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्र अजीत सिंह, फतेह सिंह, जोरावर सिंह, जुझार सिंह के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है।
यह बातें सीएम ने 5, कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर ऐतिहासिक समागम में कहीं। सीएम ने संगत व आगंतुकों को अंगवस्त्र प्रदान किया और पुस्तक का विमोचन किया। सीएम ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) घोषित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास आने वालों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गुरुग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप का पूजन व स्वागत किया।
चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार
सीएम ने कहा कि माता गुजरी ने अंतिम समय तक रक्षा का दायित्व निभाते-निभाते खुद को परमात्मा में लीन कर दिया। जब गुरु गोविंद सिंह महाराज से पूछा गया कि आपके चार पुत्र धर्म की रक्षा करते हुए हिंदुस्तान के लिए शहीद हो गए। तब भी उनके मुख से यही निकला कि चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार। यानी परिवार नहीं, देश-समाज व धर्म के लिए जिनका पूरा जीवन समर्पित था। उनकी स्मृति में आयोजित कार्यक्रम कृतज्ञता ज्ञापित करने वाला होता है। इस क्रम में बाल दिवस के कार्यक्रम की यह श्रृंखला इतिहास से जोड़ती है। भक्ति से शक्ति प्रदान कर रही सिख गुरुओं के प्रति शीश नमन करने का अवसर प्रदान करती है।
बचपन में मिले संस्कार बताते हैं कि धर्म के पथ का अनुसरण करना है
सीएम ने कहा कि धर्म के लिए बलिदान देने की उत्कृष्ट परंपरा को भी नमन करता हूं। प्रसन्नता है कि भारत के गौरवशाली इतिहास को पुस्तक में सचित्र उपलब्ध कराने का कार्य प्रारंभ हो गया है। मैंने विगत वर्ष भी अनुरोध किया था कि यदि हम बताएंगे नहीं तो लोग भूल जाएंगे कि यह साहिबजादे कौन थे। इनकी क्या आयु थी। मां गुजरी के सानिध्य में बचपन से मिले यह संस्कार बताते हैं कि धर्म के पथ का अनुसरण करना है। दो पुत्र युद्धभूमि में वीरगति को प्राप्त होते हैं। बाबा जोरावर व फतेह सिंह दीवारों में चुन दिए जाते हैं, लेकिन उफ तक नहीं करते। वही बलिदान की प्रेरणा हमें भी विपरीत परिस्थितियों में जूझने की शक्ति देते हैं। जब भी हिंदुस्तान पर संकट आया है। पश्चिम से आने वाले हमले को रोकने के लिए पंजाब सदा दीवार बनकर खड़ा होता रहा है।
तवांग में सिख रेजिमेंट के जवानों ने की चीनियों की तुड़ाई
सीएम ने कहा कि तवांग की घटना ( 9 दिसंबर) को देख रहा था। पूछा कि भारतीय सेना चीन पर कैसे हावी हुई तो बताया गया कि सिख रेजिमेंट के एक-एक जवान दो-दो चीनी जवानों को दबाकर तुड़ाई करते थे, फिर भेजते थे। यह है शौर्य। इस परंपरा को हर स्तर पर बढ़ाने के लिए सामूहिक योगदान देना चाहिए। यह परंपरा व पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर प्राप्त होता है।
लखनऊ व गोरखपुर के गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी का जताया आभार
लखनऊ व गोरखपुर के गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के पदाधिकारियों का आभार करता हूं कि वे बाल दिवस पर इस कार्यक्रम के लिए बार-बार आग्रह करते रहे। जो कार्यक्रम यहां शुरू किया, उसकी गूंज दुनिया के सामने है। आज पीएम ने दिल्ली में इस आयोजन का शुभारंभ किया। देश-दुनिया में होड़ लगेगी कि बाल दिवस का वास्तविक आयोजन कौन होगा तो यह साहिबजादों के बलिदान का दिन होगा। यही वास्तविक इतिहास है।
गुरु परंपरा के प्रति सम्मान व्यक्त करने में कोई भी बाधा नहीं आ सकती
सीएम ने कहा कि अहियागंज गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर व गुरु गोविंद सिंह से जुड़ा है। संस्कृति विभाग से कहा है कि गुरु परंपरा से जुड़े गुरुद्वारों को चिह्नित करें। कनेक्टिविटी, उसके आसपास सुंदरीकरण को लेकर ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए। नगर निगम ने पार्क की स्थापना के लिए जो कार्य किए हैं। उससे जुड़ी समस्याएं सरदार बलदेव सिंह औलख, परविंदर सिंह को बताएं। वे शासन के संज्ञान में लाएंगे। गुरु परंपरा के प्रति सम्मान व्यक्त करने, साहिबजादों को सम्मान देने के लिए कोई भी चीज बाधा नहीं बन सकती। प्रदेश सरकार व जनता की ओर से साहिबजादा दिवस के अवसर पर गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्रों को नमन करता हूं। सीएम ने आश्वस्त किया कि सरकार आपके हितों के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है और करती रहेगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, गिरीश चंद यादव (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार), राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, महापौर संयुक्ता भाटिया, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा आदि की मौजूदगी रही।
उत्तर प्रदेश
श्रीरामलला के मंदिर में उमड़ा जनसैलाब, जयकारों से गूंजी अयोध्या
अयोध्या। रामनगरी में बुधवार को फिर से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह कोहरा व बेतहाशा ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। हर तरफ जय श्रीराम के जयकारे लगते रहे। मानो एक बार फिर से त्रेता युग लौट आया हो। श्रीराम चन्द्र के दर्शन के लिए श्रद्धालु देर शाम तक जन्मभूमि पथ पर कतारबद्ध दिखे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
भव्य मंदिर में 22 जनवरी 2024 में ही रामलला विराजमान हुए थे। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक बुधवार को राम मंदिर की पहली वर्षगांठ पर श्रद्धालुओं का रेला नजर आया। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 11 जनवरी को ही पहली वर्षगांठ मना चुका है। तीन दिन आयोजन भी हुए। उस दौरान भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंच रामलला का दर्शन किया था। अब जब बारी आई 22 जनवरी की तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा निवेदित करने पहुंच गए। प्रदेश की योगी सरकार ने दर्शनार्थियों के लिए स्वच्छता व सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिये हैं। जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ जुटा दिखा।
विभिन्न मठ मंदिरों में धूम, 41 दिन का अनुष्ठान शुरू
राम मंदिर की पहली वर्षगांठ को देखते हुए मठ मंदिरों में भी धूम है। हनुमानगढ़ी में दर्शन के लिए एक किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। इसके अलावा दशरथ महल-कनक भवन समेत अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। उधर, मणिरामदास छावनी में सुबह रथयात्रा निकालने के बाद 41 दिवसीय अनुष्ठान का आगाज हो गया। इसमें सवा लाख से भी अधिक श्रीराम रक्षास्रोत का जाप होगा।
बीते पलों को जीने के लिए उमड़े श्रद्धालु
बड़ी संख्या में अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंचे।श्रद्धालुओं में से अनेक ऐसे भी हैं जो बीती 22 जनवरी को अयोध्या में थे। उसी पल को जीने के लिए वे फिर रामनगरी में हैं। ट्रस्ट को भीड़ के आने का अनुमान था इसलिए व्यवस्थाएं भी तदनुरूप की गई थी। राम मन्दिर के आसपास का सारा क्षेत्र ब्रह्म मुहूर्त से ही जयकारों से गूंजने लगा था। होटल और धर्मशालाएं पहले से ही लोग आरक्षित कराए हुए थे। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि हिंदी कैलेंडर के मुताबिक 11 जनवरी को द्वादशी मनाई गई थी, लेकिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक दर्शन करने पहुंचे हैं। सुबह से ही भीड़ दिखी।
सुरक्षा के लिहाज से जोन व सेक्टर में बटी अयोध्या
एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतजाम किये गए हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या को 6 जोन और 17 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। जोन में राजपत्रित अधिकारियों सेक्टर में सीओ लेवल के अधिकारी को तैनाती दी गई है।
हनुमान चालीसा पढ़ते हुए राम मंदिर में किया प्रवेश
राजस्थान की विजयलक्ष्मी ने बताया कि उधर बालाजी और यहां रामलला की ही कृपा रही कि अच्छे से दर्शन मिल गया। उन्होंने बताया कि उनके साथ 17 लोगों का ग्रुप आया था। सभी हनुमान चालीसा पढ़ते हुए राम मंदिर में प्रवेश किये। 500 वर्षों बाद अयोध्या में रौनक लौटी है। सभी को दर्शन के लिए पहुंचना चाहिए।
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