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ऑफ़बीट

इन राशि की लड़कियां दिल तोड़ने में होती हैं सबसे आगे

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नई दिल्ली। हर इंसान की चाहत होती है कि उसे दिल का अच्छा और लॉयल पार्टनर मिले। लेकिन कई लड़के अपने पसंद के चक्कर में ऐसी लड़कियों को चुन लेते हैं जो दिल तोड़ने में एक मिनट का भी समय नहीं लगाती।

आज हम आपको कुछ ऐसी राशियों की लड़कियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्यार को सीरियसली नहीं लेती हैं और लड़कों का दिल तोड़ने में जरा सी देर भी नहीं लगाती।

मिथुन राशि

मिथुन राशि की लड़कियां के अंदर हमेशा कुछ नया करने का गुण पाया जाता है। इस राशि की लड़कियां जल्द ही चीजों से बोर हो जाती हैं। ऐसे में अगर रिलेशनशिप में उनके साथ कुछ बुरा या मनमुताबिक नहीं होता तो ये पार्टनर को भूलने में  टाइम नहीं लगाती।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि की लड़कियां किसी भी तरह की कमिटमेंट करने से डरती हैं। यही कारण है कि जब उनका पार्टनर किसी तरह की कमिटमेंट करने को कहता है तो उन्हें छोड़ देती हैं। इस राशि की लड़कियां किसी भी रिलेशनशिप में ज्यादा देर नहीं टिकती हैं।

धनु राशि

इस राशि की लड़कियां एडवेंचर पसंद और एक्सप्लोर करने वाली होती हैं। इन्हें किसी भी तरह का बंधन पसंद नहीं है। ऐसे में जब इनका पार्टनर किसी तरह की रोक-टोक लगाता है तो वह उनसे दूर जाने में ही अपनी भलाई समझती हैं।

सिंह

सिंह राशि की लड़कियां दिलफेंक किस्म के होते हैं। इस राशि की लड़कियों को खुद से बढ़कर कुछ नहीं होता है, पार्टनर भी नहीं। इस राशि की लड़कियों को अटेंशन चाहिए होता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

नींद के कारण गलती से हुआ 1990 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर, जानें पूरी रिपोर्ट

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जर्मनी। जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ था जिसने सभी को हैरान कर दिया है। एक कर्मचारी काम के दौरान कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया। इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो की जगह 222 मिलियन यूरो (करीब 1990 करोड़ रुपये से ज्यादा) ट्रांसफर हो गए। गनीमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस गलती को पकड़ लिया जिसके बाद ट्रांजैक्शन को रोक दिया गया।

शुरू हुई कानूनी लड़ाई

यह घटना साल 2012 की है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है। मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही है क्लर्क की इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया। ट्रांजैक्शन की जांच करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी लिहाजा बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से निकाल दिया। मामला जर्मनी की लेबर कोर्ट तक पहुंचा और मामले में कानूनी लड़ाई शुरू हुई।

अदालत ने सुनाया फैसला

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जर्मनी के हेस्से स्टेट की लेबर कोर्ट की ओर से इस मामले में आदेश दिया गया। कोर्ट ने बैंक द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालने के फैसले को गलत बताया। कोर्ट ने कहा कि यह गलती क्लर्क ने जानबूझकर नहीं की थी। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि कर्मचारी ने भले ही अपनी गलती पर ध्यान नहीं दिया लेकिन उसके कार्यों के लिए उसे बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा

कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारी पर समय का बहुत दबाव था, वह रोजाना सैकड़ों लेन-देन की समीक्षा करता था। कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी जिक्र किया कि 222 मिलियन यूरो के गलत ट्रांजैक्शन वाली घटना के दिन कर्मचारी ने 812 डॉक्युमेंट्स को संभाला था और हर डॉक्युमेंट पर वो महज कुछ सेकेंड का समय ही दे पा रहा था। अदालत ने अपने आदेश में इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारी की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बर्खास्तगी के बजाय औपचारिक चेतावनी ही पर्याप्त थी।

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