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अन्तर्राष्ट्रीय

सिर्फ भारत ही नहीं इस मुस्लिम देश में भी है अयोध्या, घर में कुरान-रामायण एकसाथ रखी जाती है

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नई दिल्ली। “जय श्री राम”, भारत की हर गलियां, हर चौराहे इस उद्घोष से गूंजते रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि राम की सबसे ज्यादा भक्ति, सबसे ज्यादा पूजा भारत में ही होती है। लेकिन राम तो पूरी दुनिया के भगवान हैं। इसलिए राम की पूजा कई देशों में होती है। इतना ही नहीं दुनिया में एक मुस्लिम देश है जहां का हर मुस्लमान अपने घर में कुरान के साथ रामायण भी रखता है और राम की भव्य पूजा करता है।

यह देश विश्व के मानचित्र पर दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है और इसकी आबादी लगभग 23 करोड़ है। इस देश का नाम इंडोनेशिया है और यह दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। यहां की अधिकतर जनसंख्या मुस्लिमों की हैं। 1973 में इस देश की सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव सम्मेलन का आयोजन करवाया था और काफी देशों से रामलीला के कलाकार यहां आए थे । यह अपने आप में दुनिया का सबसे अनूठा आयोजन था क्योंकि पहली बार किसी मुस्लिम देश ने हिंदुओं के सबसे पवित्र महाग्रंथ रामायण पर इस तरह का आयोजन करवाया था।

इस देश में एक स्थान है जिसको अयोध्या कहा जाता है। रामायण का यहां पर इतना अधिक प्रभाव है कि आज भी इस देश के कई इलाकों में रामायण के अवशेष और पत्थरों पर की जाने वाली नक्काशी पर रामकथा के चित्र यहां मिलते हैं।

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ईस्ट -एशिया समिट में पीएम मोदी ने मजबूती से रखी अपनी बात, दुनिया को पढ़ाया शांति का पाठ

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लाओ पीडीआर। विश्व पटल पर पीएम मोदी आज सबसे लोकप्रिय नेता हैं. यही वजह है कि वह जब किसी शिखर सम्मेलन में अपना संबोधन देते हैं तो पूरा विश्व उन्हें गंभीरता के साथ ना सिर्फ सुनता है बल्कि उनके सुझावों को अमल में लाने की कोशिश भी करता है. हर मंच पर अब पीएम मोदी अपने संबोधन से सभी को प्रभावित कर रहे हैं.

उनकी वजह से ही अब भारत को लेकर विश्व के दूसरे देशों के नजरिया भी औ बदला है. इसकी एक बानगी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी दिखी. सूत्रों के अनुसार इस सम्मेलन में मौजूदा मेजबान और अगले सम्मेलन के मेजबान के तुरंत बात सम्मेलन को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी को पहले नेता के तौर पर आमंत्रित किया गया. इसे भारत के बढ़ते रुतबे के तौर पर भी देखा जा रहा है.

पीएम मोदी ने संबोधन से पहले अपने एक्स पर किया धन्यवाद

धन्यवाद लाओ पीडीआर! आसियान के साथ संबंधों को मजबूत बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, यह एक उपयोगी यात्रा रही। हम साथ मिलकर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सतत विकास की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। यहां आज के मुख्य अंश हैं

 

क्या बोले पीएम मोदी

पूर्वी एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि म्यांमार की स्थिति पर हम आसियान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. हम फाइव प्वाइंट कन्सेन्सस का भी समर्थन करते हैं. एक पड़ोसी देश होने के नाते, भारत अपना दायित्व निभाता रहेगा.

 

 

पीएम मोदी ने इस मौके पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्षों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों का सबसे नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर हो रहा है. सभी चाहते हैं कि चाहे यूरेशिया हो या फिर पश्चिम एशिया, जल्द से जल्द इन इलाकों में शांति बहाल होनी चाहिए. ये कहीं से भी मानवता के लिए सही नहीं है.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान तूफान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति भी गहरी संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियों को यूएनसीएलओएस के तहत ही संचालित की जानी चाहिए

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