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केरल में कोरोना से तीन की मौत, सक्रिय मामले बढ़कर 2341; मंत्री बोलीं- चिंता की कोई बात नहीं

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नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। केरल में बीते 24 घंटे में कोरोना के 300 नए मामले सामने आए हैं। साथ ही तीन कोरोना मरीजों की मौत हो गई है। गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह आंकड़े जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 358 नए मामले सामने आए हैं, इनमें से 300 अकेले केरल में मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना के कुल सक्रिय मामले बढ़कर 2,341 हो गए हैं। वहीं देश में कुल सक्रिय मामले बढ़कर 2669 हो गए हैं।

मरने वालों का आंकड़ा 72 हजार पार

केरल में कोरोना से तीन मरीजों की मौत हुई है, जिसके बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा 72,059 हो गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि केरल में कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद चिंता की कोई बात नहीं है।

जॉर्ज ने कहा हमारा हेल्थ सिस्टम वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए तैयार है। बीते 24 घंटे में 211 कोरोना मरीज ठीक भी हुए हैं। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमण को मात देकर स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल संख्या 68,37,414 हो गई है।

घबराने की जरूरत नहीं

देश में कोरोना के मामले बढ़ने के बीच महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को सलाह दी है कि वह घबराएं नहीं और राज्य सरकार पूरी तरह से हालात से निपटने के लिए तैयार है।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने बताया कि राज्य में भी कोरोना के नए सबवैरिएंट जेएन.1 से संक्रमित एक व्यक्ति मिला है। सावंत ने कहा कि राज्य का हेल्थ सिस्टम कोरोना के नए सबवैरिएंट से निपटने के लिए तैयार है और लोगों को घबराने के जरूरत नहीं है।

सावंत ने अपील की है कि अगर लोगों में बीमारी के कोई लक्षण दिखें तो उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर जरूरी कदम उठाने चाहिए। साथ ही उन्होंने लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने की भी अपील की। राज्य में लगातार जेनेटिक सीक्वेंसिंग की जा रही है। साथ ही लोगों से मास्क पहनने को कहा गया है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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