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विश्वास मत हासिल करने से पहले ही सामने आई गठबंधन की फूट, अब क्या करेंगे कुमारस्वामी
नई दिल्ली। कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने के बाद आज मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को अग्निपरीक्षा देनी है। आज कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री को सदन में विश्वास मत हासिल करना है जिसके बाद से मंत्रीमण्डल का विस्तार किया जा सकेगा। लेकिन सदन में विश्वास मत हासिल करने से पहले एक ऐसा बयान आया है जिससे गठबंधन की जड़ें अभी से हिलती हुईं दिख रहीं हैं।
फ्लोर टेस्ट से पहले डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि कुमारस्वामी का 5 साल तक सीएम बने रहना पक्का नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक दोनों दलों के बीच सरकार चलाने को लेकर कोई खास बातचीत नहीं हुई है। विभागों के बंटवारे को लेकर भी अभी विचार विमर्श नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अच्छा शासन देना है।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस राय-मंत्रणा के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेगी, लेकिन तब तक गठबंधन का उद्देश्य राज्य में स्थिर और अच्छी सरकार बनाने का है। इससे पहले कुमारस्वामी ने मीडिया में चल रहे कयासों पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया था कि वह 5 साल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कुमारस्वामी ने उस मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि दोनों दलों के बीच 30 महीने का सत्ता हस्तांतरण का समझौता हुआ है।
एक तरफ जहां कुमारस्वामी 5 साल तक मुख्यमंत्री बने रहने की बात कर रहें हैं वहीं जी परमेश्वर ठीक इसका उल्टा बयान दिया है। दोनों नेताओं के बयानों से यह साफ हो गया है कि फिलहाल दोनों दलों के बीच सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है। फ्लोर टेस्ट से पहले ही गठबंधन में मतभेद सामने आने से लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या जेडीएस और कांग्रेस 5 साल तक कर्नाटक को स्थाई सरकार दे पाएगी?
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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