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उत्तराखंड

अब याक पर बैठ कर लें हिमालय का नज़ारा

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उत्तराखंड सरकार इस वर्ष बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को याक पर सवारी करने का मौका दे रही है। पशुपालन विभाग, चमोली ने इस वर्ष यात्रियों के लिए यह खास सुविधा शुरू की है।

केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले चमोली में इस खास सुविधा की शुरूआत होने जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य याक पालन और पर्यटन को बढ़ावा देना है। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इस वर्ष बद्रीनाथ यात्रा की शुरूआत में एक याक से यह सुविधा शुरू की जाएगी। योजना के कारगर होने के बाद बद्रीनाथ में याक की संख्या बढ़ाई जाएगी।

उत्तराखंड में कुल मिलाकर हैं 67 याक पशु।

जिला पशुपालन विभाग, चमोली के मुताबिक इस समय चमोली में कुल 13 याक हैं। इनमें से पांच नर हैं और आठ मादा हैं। ठंड में ये याक सुराईथोटा क्षेत्र में रहते हैं, वहीं गर्मियों में याक द्रोणगिरी क्षेत्र में रहते हैं। पूरे उत्तराखंड में कुल मिलाकर 67 याक हैं, याक मुख्यरूप से चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में रहते हैं। याक पर लोगों को सवारी कराने के लिए उत्तराखंड सरकार इस प्रयास को बड़े स्तर पर लाना चाह रही है, क्योंकि इसकी मदद से राज्य में रहने वाले युवाओं को रोजगार का बेहतर साधन मिल सकता है।

याक को क्यों कहा जाता है हिमालय का ऊंट –

एक याक औसतन 20 दिन तक बर्फ खाकर जीवित रह सकता है और इसकी त्वचा ऐसी होती है कि यह लंबे समय तक माइनस ज़ीरो डिग्री के तापमान में भी रह सकता है। इसी वजह से इस पशु को हिमालय का ऊंट भी कहा जाता है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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