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सर पर पगड़ी बांध सिखों संग कार्यक्रम में कुछ यूं नजर आए पीएम नरेंद्र मोदी, कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल की शाम अपने आवास पर सिखों के एक डेलीगेशन से मुलाकात की। इस कार्यक्रम में पीएम पूरी तरीके से सिख वेशभूषा में नजर आए। प्रधानमंत्री सिर पर पगड़ी बांधे और गले में रुद्राक्ष की माला पहने भी दिखे।
पीएम मोदी ने उनसे मिलने आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिख परंपरा वास्तव में एक श्रेष्ठ भारत की जीवंत परंपरा है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- भारत की आजादी की लड़ाई में और बाद में भी सिखों का बड़ा योगदान है। सिखों के उल्लेख के बिना देश का इतिहास अधूरा है।
पीएम ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में सिख समाज की बड़ी भागीदारी है। विदेश में रहते हुए भारत की तरक्की में आपकी बड़ी भूमिका है।
नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि हमारे गुरुओं ने राष्ट्र को ऊपर रखकर भारत को एक सूत्र में पिरोया था। गुरु नानक देव जी ने अंधेरे से देश को निकाला था। उनकी निशानियां देशभर में हैं।
पीएम ने कहा- लंगर को टैक्स फ्री करने से लेकर, हरमिंदर साहिब को FCRA की अनुमति तक, गुरुद्वारों के आसपास स्वच्छता बढ़ाने से लेकर उन्हें बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने तक, देश आज हर संभव प्रयास कर रहा है। (Photo: PIB)
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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया
अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
कौन हैं नारायण सिंह चौरा?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।
जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन
कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।
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