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उमेश पाल हत्याकांड: 50 हजार की इनामी हुई अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन

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लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड मामले में फरार चल रही माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पर इनामी राशि बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है। पहले पुलिस ने उसके खिलाफ 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। बता दें कि 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले माफिया अतीक, उसके भाई अशरफ, पुत्रों सहित शाइस्ता पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद से ही वह फरार चल रही थी।

बता दें कि पुलिस की कई टीमें शाइस्ता परवीन की तलाश में जुटी हैं, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। तमाम दबिश के बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर इनाम की राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है। इससे पहले माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को बड़ा झटका दिया है और उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने शाइस्ता की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अपराध की गंभीरता देखते हुए कोर्ट ने शाइस्ता को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।

उमेश पाल की हत्या के बाद शूटर्स शाइस्ता परवीन से मिलने गए थे और इस हत्याकांड में ढाई लाख के इनामी साबिर के साथ शाइस्ता का वीडियो भी सामने आया था। साबिर वही शख्स है, जिसने कार में बैठे उमेश पाल के गनर को गोली मारी थी।

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कौन है नारायण सिंह चौरा ? जिसने पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की हत्या करने का प्रयास किया

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अमृतसर। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ की ड्यूटी करते समय एक शख्स ने गोली मार दी। गोली दीवार पर लगने से व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गये। आखिर किस शख्स ने सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई और उसका मकसद क्या था। तो बता दें कि फायरिंग करने वाले शख्स का नाम नारायण सिंह चौरा है जिसने गोली चलाई जिससे हड़कंप मच गया और तुरंत ही स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कौन हैं नारायण सिंह चौरा?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी पूर्व आतंकवादी है, जिस पर पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं और वह भूमिगत रहा है। चौरा, कुछ वर्षों तक पंथिक नेता के रूप में सक्रिय था, वह डेरा बाबा नानक क्षेत्र से हैं। मंगलवार को वह सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर सुखबीर बादल के पास घूमता भी दिखाई दिया था। वह बुड़ैल जेलब्रेक का मास्टरमाइंड था। चौरा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा और परमजीत सिंह भियोरा को उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह के साथ बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई काफी देर के लिए बंद कर दी थी।

जानिए पाकिस्तान से चौरा का कनेक्शन

कथित तौर पर नारायण सिंह चौरा 1984 में पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पाकिस्तान भाग गया था। वहां उसने भारत में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में अहम भूमिका निभाई। पाकिस्तान में, उन्होंने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। चौरा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में संदिग्ध था।

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