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ऑफ़बीट

उप्र: पेट से निकली 62 स्टील की चम्मच, डॉक्टर भी हैरान

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उप्र के मुजफ्फरनगर जिले

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मुजफ्फरनगर। उप्र के मुजफ्फरनगर जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां एक शख्स के पेट से 62 स्टील की चम्मच निकाली गई है। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा है। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के मुताबिक यह शख्स एक साल से चम्मच में खा रहा था।

एनआई को डॉक्टर राकेश खुराना ने बताया कि 32 साल के एक मरीज विजय से पूछा गया कि क्या उसने ये चम्मचें खाई हैं? तो मरीज ने कहा कि हां उसने ही ये चम्मचें खाई हैं।

उप्र के मुजफ्फरनगर जिले के मंदसौर क्षेत्र के 32 साल के विजय के पेट में दर्द की शिकायत थी। ज्यादा दर्द बढ़ने पर विजय को घर वाले डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने हालत गंभीर देख कर विजय को भर्ती कर लिया। हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने पेट का ऑपरेशन किया।

ऑपरेशन में मरीज के पेट में चम्मच में देखकर डॉक्टर हैरान रह गए। एक-एक कर निकाली गई। चम्मचों को डॉक्टर ने काउंट किया तो 62 चम्मच की संख्या बताई गई। यह तेजी से वायरल हो रही है। लोगों में चर्चा विषय बनी है।

जबरन चम्‍मच खिलाने का आरोप

बता दें कि मरीज के साथ वालों ने आरोप लगाया कि उसे शामली के नशा मुक्ति केंद्र में जबरदस्ती चम्मच खिलाई गईं। उसका इलाज मुजफ्फरनगर शहर के भोपा रोड स्थित एक निजी हास्पिटल में चल रहा है. जब डॉक्टर उसका ऑपरेशन कर रहे थे। तो उसी वक्त उसके पेट से एक-दो नहीं, बल्कि 62 स्टील की चम्मच निकाली हैं. उसका ऑपरेशन करीब 2 घंटे चला।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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