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प्रादेशिक

भागे-भागे फिर रहे निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार, 25 हजार रु का इनाम घोषित

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने महोबा के क्रशर प्लांट व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत मामले में फरार चल रहे निलंबित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार और बर्खास्त कांस्टेबल अरुण यादव पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया है।इस मामले के आरोपितों में तत्कालीन एसओ देवेंद्र और दो अन्य को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मणिलाल पाटीदार और बर्खास्त सिपाही अरुण यादव केस दर्ज होने के बाद से ही फरार हैं। महोबा के क्रशर प्लांट व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार समेत अन्य को नामजद किया गया था. इसके बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया था. मामले में नामजद किए जाने के बाद से ही मणिलाल पाटीदार फरार चल रहे हैं।

क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी 8 सितंबर को अपनी कार में गोली लगने से लहूलुहान हालत में मिले थे। 13 सितंबर को एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई। उन्होंने महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद ये घटना हुई। त्रिपाठी के भाई ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने व्यवसायी से रिश्वत में 6 लाख रुपये की मांग की थी और राशि का भुगतान न करने पर उसे जान से मारने या झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी थी।

आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने निष्कर्ष निकाला कि त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी। पुलिस ने कहा कि यह पाया गया कि उनकी लाइसेंसी पिस्तौल से निकली गोली उनकी गर्दन में लगी थी। घटना के तुरंत बाद पाटीदार को निलंबित कर दिया गया और उसकी संपत्ति की जांच के आदेश दिए गए।

उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.

शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई

शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.

फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई

इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.

 

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