उत्तर प्रदेश
वाराणसी हत्याकांड में नया खुलासा, जिसे कातिल समझ रही थी पुलिस, उसे लगी थीं दो गोलियां
वाराणसी। यूपी के वाराणसी में सामूहिक हत्याकांड की खबर ने पूरे प्रदेश को दहलाकर रख दिया है। पहले खबर आई कि राजेंद्र गुप्ता ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली है। हालांकि राजेंद्र गुप्ता के शरीर पर गोलियों के दो निशान मिले हैं जिसने पुलिस को भी चकरा दिया है क्योंकि आत्महत्या करने वाला शख्स खुद को दो गोली नहीं मार सकता।
इस पूरे मामले में जिनकी मौत हुई हैं उनमें 45 वर्षीय राजेंद्र गुप्ता, उसकी 42 साल की पत्नी नीतू गुप्ता, बड़े बेटे 20 वर्षीय नवनेंद्र, 16 साल की बेटी गौरांगी और 15 साल का बेटा सुबेंद्र शामिल है। पत्नी और तीनों बच्चों की लाशें भदैनी स्थित मकान में मिलीं। राजेंद्र गुप्ता की लाश रोहनिया स्थित उसके मकान में अर्धनग्न हालत में मिली। नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर इंजीनियर काम करता था। सुबेंद्र और गौरांगी दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे।
राजेंद्र की हत्या हुई, पुलिस ऐसा इसलिए कह रही, क्योंकि पुलिस को लगता है कि सुसाइड करने वाला शख्स खुद को 2 गोलियां नहीं मार सकता। हालांकि पुलिस को वारदात में इस्तेमाल हथियार मौके पर नहीं मिला, लेकिन फोरेंसिक टीम को वारदातस्थल से 3 लोगों के फिंगर प्रिंट मिले हैं, जो मारे गए पांचों लोगों में से किसी के नहीं हैं। पोस्टमार्टम में पांचों शवों से 7.62MM की बुलेट मिली हैं। वारदातस्थल से 13 खोल बरामद हुए हैं। पांचों को बहुत करीब से गोलियां मारी गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि पुलिस को पारिवारिक दुश्मनी में नरसंहार होने का शक है। क्योंकि रिकॉर्ड तलाशने पर पता चला है कि प्रॉपर्टी विवाद में राजेंद्र गुप्ता पर अपने पिता, भाई कृष्णा गुप्ता और एक सिक्योरिटी गार्ड की हत्या करने का आरोप है। पुलिस का शक कृष्णा गुप्ता के दोनों बेटों जुगनू और विक्की पर है, क्योंकि वारदात वाली रात दोनों को राजेंद्र गुप्ता के घर के पास देखा गया था।
पुलिस ने शक के आधार पर दोनों को तलब भी किया। जुगून मंगलवार रात को पूछताछ के लिए थाने पहुंच गया था और विक्की का फोन बंद आ रहा है। उसकी लोकेशन अहमदाबाद में मिली है। दोनों वारदातस्थलों के बीच लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस खंगाल रही है। पुलिस को शक है कि जुगनू-विक्की ने सुपारी देकर परिवार की हत्या कराई है। 27 साल पहले हुए हत्याकांड का बदला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश
एआई, डार्क वेब और सोशल मीडिया स्कैमर्स से बचाएगा महाकुम्भ साइबर थाना
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलीकरण करने जा रही है। डिजिटलाइजेशन के साथ साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी व्यापक तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में साइबर सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए मेला क्षेत्र में साइबर थाने की शुरुआत की गई है। इसके माध्यम से एआई, डार्क वेब और सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर लोगों को झांसा देना संभव नहीं हो पाएगा। खास बात ये है कि इस बार देश विदेश से इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए पूरे प्रदेश के चुनिंदा अफसरों की एक स्पेशल टीम बुलाई गई है। यहां प्रदेश के चुनिंदा साइबर एक्सपर्ट्स पहुंच चुके हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहेंगे।
महाकुम्भ नगर पहुंची स्पेशल टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भ 2025 को अब तक का सबसे भव्य और दिव्य आयोजन बनाने के लिए वृहद स्तर पर तैयारी की जा रही है। मेला के दौरान यहां 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जिनकी सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों को विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में एक एक श्रद्धालु की सुरक्षा पर मेले के अधिकारी विशेष ध्यान दे रहे हैं। यही नहीं, उन्हें साइबर सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेश के चुनिंदा अफसरों की एक स्पेशल टीम महाकुम्भनगर बुला ली गई है।
44 वेबसाइटों पर नजर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी बताते हैं कि फेक और डार्क वेबसाइट और सोशल मीडिया के शातिरों से श्रद्धालुओं की हर तरह से हिफाजत करने की योजना तैयार कर ली गई है। इसके लिए पूरे प्रदेश के अनुभवी अफसरों को यहां महाकुम्भनगर में बुलाया गया है। आते ही साइबर सेल के एक्सपर्ट अपनी पोजिशन ले चुके हैं। सबसे खास बात यह है कि महाकुम्भ में
एआई, एक्स, फेसबुक और गूगल का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा। ठगों के फर्जी तरीके से तैयार किए गए लिंक के हथियार नष्ट कर दिए जाएंगे। महाकुम्भनगर की साइबर एक्सपर्ट की टीम ने तेजी से काम करते हुए ऐसी संदेहास्पद 44 वेबसाइटों को अपने रडार पर ले लिया है। जिनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
ऑनलाइन सुरक्षा के लिए मोबाइल साइबर टीम भी सक्रिय
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को बड़े पैमाने पर जागरूक किया जा रहा है। उन्हें महाकुम्भ मेले से संबंधित जानकारी के लिए 1920 नंबर भी जारी किया गया है। इसके साथ-साथ सरकारी वेबसाइट (जिनमें gov.in लगा हो) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा फर्जी वेबसाइटों की सूचना भी यहां थाने में दी जा सकती है, जिस पर साइबर थाना तुरंत कार्यवाही करेगा। इसके साथ ही देश-विदेश से महाकुम्भ में आने वाले 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा के लिए साइबर एक्सपर्ट की टीम दिन रात काम कर रही है। यह टीम एक स्थान पर लैपटॉप और कंप्यूटर से तो सक्रिय है ही, इसके अलावा इनकी मोबाइल टीम भी काम कर रही हैं। जो बड़ी संख्या में फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया के फेक अकाउंट से संबंधित मामलों को मोबाइल पर ही सॉल्व कर रहे हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से पैसे मांगने वालों पर विशेष नजर
जो लोग एआई, फेसबुक, एक्स या इंस्टाग्राम के माध्यम से लोगों से पैसे मांगते हैं, उन पर भी साइबर एक्सपर्ट नजर रख रहे हैं। शिकायत मिलते ही उन पर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। इनके अलावा फर्जी वेबसाइट और लिंक के जरिए धोखाधड़ी करने वालों पर भी सख्ती की जाएगी। महाकुम्भ में आने वाले एक-एक श्रद्धालु की सुरक्षा में साइबर एक्सपर्ट की टीम 24 घंटे अलर्ट मोड में है
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