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प्रादेशिक

विपक्ष किसानों को गुमराह कर उन्हें भड़का रहा: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए कृषि कानूनों को लेकर हो रहे विरोध के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया है। योगी ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग जब सत्ता में आते हैं तो किसानों के मुद्दों पर ही मौन हो जाते हैं लेकिन हमारी सरकार जब किसानों के लिए कोई अच्छा काम करती है तो वो उसपर राजनीति करते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि किसान के चेहरे पर खुशहाली लाने के लिए ही कृषि क्षेत्र में तेजी के साथ सुधार के लिए केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों में व्यापक सुधार किए हैं लेकिन जिन्हें किसानों की प्रगति, देश का विकास और किसान के चेहरे पर खुशी अच्छी नहीं लगती, वे गुमराह करके किसानों को भड़का रहे हैं।

योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, ”बार-बार कहा जा रहा है कि एमएसपी समाप्त नहीं होगा लेकिन तब भी एमएसएपी के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। बार-बार कहा जा रहा है कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी लेकिन तब भी इसके नाम पर गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने मंडी को तकनीक के साथ जोड़ा लेकिन तब भी गुमराह किया जा रहा है कि मंडी बंद हो जाएगी. यह कैसी राजनीति है?”

योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ”विपक्ष किसान के हित के लिए किए जा रहे प्रयास, चाहे वह कॉन्ट्रैक्ट खेती का हो, मंडी का हो, एमएसपी का हो, किसान के हित के अनुकूल कुछ भी नहीं होने देंगे लेकिन हम इस बात को पूरी मजबूती से कहना चाहते हैं कि देश के अंदर किसानों के लिए समर्पित भाव के साथ अगर कोई सरकार काम कर रही है और आजादी के बाद किसी एक सरकार ने किसानों के हित के लिए इतनी योजनाएं दी है तो वह केंद्र की मोदी सरकार ही है।

 

उत्तर प्रदेश

चार प्रदेशों में आयोजित हुआ महाकुंभ 2025 का रोड शो, योगी के मंत्रियों ने लोगों को दिया संगम स्थान का निमंत्रण

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देहरादून/जम्मू/पटना/पणजी। प्रयागराज महाकुंभ 2025 को भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए योगी सरकार देशभर में रोडशो की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है। रोडशो के माध्यम से योगी सरकार महाकुंभ 2025 के महत्व को देश के कोने-कोने तक पहुंचा रही है। इस कड़ी में जम्मू, देहरादून, पटना और पणजी में भव्य रोडशो का आयोजन हुआ। जहां रोडशो का नेतृत्व कर रहे योगी सरकार के मंत्रियों ने आम लोगों के साथ-साथ वहां के गणमान्य व्यक्तियों को महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

जम्मू में आयोजित रोडशो का नेतृत्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार और अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज, राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने किया। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ को भारतीय विविधता और एकता का उत्सव बताते हुए जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और वहां की जनता को प्रयागराज महाकुंभ में भाग लेने का निमंत्रण दिया। मंत्रियों ने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया और इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।

देहरादून में महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य और लोक निर्माण राज्यमंत्री ब्रजेश सिंह ने रोडशो का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को महाकुंभ में भाग लेने का निमंत्रण दिया। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल महाकुंभ की तैयारियों पर जोर देते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय विविधता में एकता के प्रतीक को प्रदर्शित करेगा।

पटना में आयोजित रोडशो का नेतृत्व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान और परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने किया। उन्होंने 2019 के महाकुंभ की वैश्विक सफलता का जिक्र करते हुए इसे 2025 के आयोजन से और अधिक दिव्य और भव्य बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस बार 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है और इसके लिए समयबद्ध तरीके से सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

पणजी में आयोजित रोडशो का नेतृत्व कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान और जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने किया। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ को हरित, स्वच्छ और डिजिटल बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इसमें स्मार्ट पार्किंग, सीसीटीवी आधारित निगरानी और डिजिटल खोया-पाया केंद्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने महाकुंभ के लिए बनाए गए 44 घाटों और गंगा किनारे रिवर फ्रंट की भी जानकारी दी। इन सभी आयोजनों के माध्यम से योगी सरकार ने महाकुंभ की भव्यता और सांस्कृतिक महत्व को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने का प्रयास किया। जम्मू, पटना, देहरादून और पणजी में आयोजित रोडशो में बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों, प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनता ने भाग लिया।

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