उत्तराखंड
भाजपा नेताओं की पीडीएफ को साधने की कोशिशें जारी
देहरादून। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर भाजपा ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। दो दिन पहले दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं की बैठक का एक दौर हो चुका है। 25 अप्रैल से शुरू हो रहा लोकसभा सत्र चिंता का विषय बना हुआ है। इसी सिलसिले में भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं को पीडीएफ के विधायकों से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई है। खासतौर पर दो पूर्व मंत्रियों के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने पार्टी दिग्गजों को लगा दिया है। ज्ञात हो कि दो दिन पहले दिल्ली में हुई बैठक में इस बात के स्पष्ट संकेत किये गये थे कि भाजपा राज्य में सरकार गठन को प्राथमिकता देगी। पीडीएफ विधायकों से बात करने के लिए कई विंडो खोली जा चुकी है। सूत्रों की माने तो पीडीएफ के एक दो विधायकों से बात हुई है, लेकिन सरकार गठन लायक आंकड़ा पूरा करने के लिए अभी कसर बाकी है।
भाजपा विधायकों की संख्या 27 रहने की आशंका
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा यह मानकर चल रही है कि भीमलाल की सदस्यता खत्म होगी या फिर वह व्हिप का उल्लंघन करेंगे। इसलिए सरकार बनाने की खातिर भाजपा की असल संख्या तो 27 ही रहेगी। इसलिए भाजपा को कम से कम पीडीएफ के पांच विधायक चाहिए। इनमें से हरीश दुर्गापाल और मंत्रीप्रसाद नैथानी को साधना मुश्किल लग रहा है। नैथानी सदन के भीतर हरक सिंह रावत द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से दुखी है। हालांकि उन्हें समझाने का प्रयास होगा। फिलहाल सबकी निगाह सतपाल महाराज पर है। यदि भाजपा ने सरकार बनाने की शुरुआत की और महाराज समर्थक विधायकों में से कोई नहीं आया, तो फिर कांग्रेस के भीतर महाराज कैंप को खत्म मान लिया जाएगा।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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