उत्तर प्रदेश
योगी के आह्वान पर कटेहरी व कुंदरकी के मतदाता भी हो गए एक
लखनऊ | बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। सीएम योगी का यह संदेश पूरे देश में चर्चा का केंद्र रहा। इसने विकास पसंद हर किसी के दिल में जगह बना ली। यही कारण रहा कि कुंदरकी और कटेहरी में दशकों बाद कमल खिला और इस जीत के नायक बने योगी आदित्यनाथ। कुंदरकी से योगी के सिपाही रामवीर सिंह ने तो समाजवादी पार्टी को चारों खाने चित कर दिया। उपचुनाव में कुंदरकी की जीत सबसे बड़ी रही। यहं भाजपा ने 144791 वोट से जीत हासिल की। वहीं कटेहरी में भी तीन दशक बाद ‘धर्म’ का ‘राज’ हुआ और धर्मराज यहां से विधायक चुने गए। यहां के विकास कार्यों का असर यह हुआ कि तीन दशक बाद कटेहरी में कमल खिला। धर्मराज निषाद ने इस सीट से 34514 वोट से जीत हासिल की।
2022 में कटेहरी में सपा ने 92808 से दर्ज की थी जीत
2022 विधानसभा के आमचुनाव में समाजवादी पार्टी ने कटेहरी में 93524 वोट से जीत दर्ज की थी। इसमें सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा ने ईवीएम से 92808 वोट हासिल किए थे। पोस्टल बैलेट से लालजी वर्मा को 716 वोट मिले थे। इस सीट पर भाजपा गठबंधन की निषाद पार्टी चुनाव मैदान में थी। यहां से अवधेश कुमार 85548 वोट पाए थे। पोस्टल बैलेट से इन्हें 280 यानी कुल 85828 वोट मिले थे। लालजी वर्मा को 37.78 व निषाद पार्टी के प्रत्याशी को 34.67 फीसदी वोट मिले थे। बसपा के प्रतीक पांडेय को 58485 वोट (23.62फीसदी) प्राप्त हुए थे।
2024 उपचुनाव में कटेहरी में धर्म का राज
तीन दशक बाद 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने कटेहरी सीट अपने नाम की। यहां से भाजपा उम्मीदवार धर्मराज निषाद ने 104091 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। सपा उम्मीदवार शोभावती वर्मा को 69577 वोट मिले। यह सीट धर्मराज निषाद ने 34514 वोट से भाजपा को दिलाई। धर्मराज निषाद को ईवीएम के 103856 व पोस्टल बैलेट के 235 वोट मिले। उन्हें 45.57 फीसदी वोट मिले। शोभावती वर्मा को 30.46 वोट मिले। उन्हें ईवीएम के 69459 व पोस्टल बैलेट के 118 वोट मिले। इसके पहले 1991 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती थी। धर्मराज निषाद के पक्ष में सीएम योगी ने कई रैलियों को भी संबोधित किया थाा।
2022 में कुंदरकी में सपा ने हासिल किए थे 1,25,792 वोट
2022 में कुंदरकी से समाजवादी पार्टी ने जिया उर रहमान 1,25,465 वोट ईवीएम से मिले थे। पोस्ट बैलेट से 327 यानी कुल 1,25,792 वोट मिले। बर्क ने कुल 46.28 फीसदी वोट प्राप्त किए। भारतीय जनता पार्टी ने यहां से कमल कुमार को टिकट दिया था। कमल ने 2022 में ईवीएम से 82467 व पोस्टल बैलेट से 163 मत हासिल कर कुल 82630 वोट प्राप्त किए। उन्हें 30.4 फीसदी वोट मिले थे।
2024 उपचुनाव में कुंदरकी में रामवीर को एकतरफा जीत
कुंदरकी में रामवीर को एकतरफा जीत मिली। 36 राउंड तक की मतगणना में रामवीर सिंह ने एक लाख 70 हजार 371 मत प्राप्त किए, जबकि सपा उम्मीदवार मो. रिजवान महज 25580 वोट ही हासिल कर सके। रामवीर ने रिजवान को एक लाख, 44 हजार 791 वोट के अंतर से पराजित किया। रामवीर सिंह को 76 फीसदी से अधिक वोट मिले। वहीं समाजवादी पार्टी को महज 11.52 फीसदी वोट ही मिल सके।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ 2025 : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ के सारे आकड़ों को बताया फर्जी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपनी भव्यता से दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। करोड़ों की संख्या में लोग प्रयागराज जाकर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब महाकुंभ के आंकड़ों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाकुंभ को लेकर कहा है कि सरकार का हर आंकड़ा फर्जी है।
क्या बोले अखिलेश यादव?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाकुंभ को लेकर बयान दिया है और सरकार के ऊपर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा कि सरकार का हर आंकड़ा फर्जी है। कुछ ट्रेनें खाली जा रही है। सुनने में ये भी आया है कि गोरखपुर वाली ट्रेन खाली गई है। मोटी-मोटी बात ये है कि भाजपा का हर आंकड़ा फर्जी है।
व्यापारी कानपुर छोड़कर जा रहे- अखिलेश
अखिलेश ने सरकार पर नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक के लिए निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा- “याद कीजिए नोटबंदी में इन्होंने कहा था कि काला धन खत्म हो जाएगा। आज भ्रष्टाचार कितना बढ़ गया है। इस नोटबंदी के बाद जीएसटी आया, व्यापारियों का नुकसान हुआ, व्यापारी बरबाद हो गए। अब नयी लड़ाई सामने आई है कि कानपुर में सभी व्यापारी शहर छोड़कर जा रहे हैं।
जीएसटी वसूली और भ्रष्टाचार कारण- अखिलेश
अखिलेश ने कानपुर से कारोबार के जाने का ठीकरा जीएसटी पर फोड़ा है। अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने इन्वेस्टमेंट मीट कराया जिससे कोई भी फायदा नहीं हुआ, लेकिन जो कारोबारी पहले से थे, जिनका कारोबार चल रहा था वह कानपुर छोड़कर जा रहे हैं, लखनऊ छोड़कर जा रहे हैं। ये इनके जीएसटी वसूली और भ्रष्टाचार के कारण जा रहे हैं। जब ये खबरें और लोग जानेंगे तो जो यूपी में निवेश करने आने वाले थे वो भी नहीं आएंगे।
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