Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

व्यापार कम होते ही निकल गई चीन की हेकड़ी, आपसी समर्थन का अलापने लगा राग  

Published

on

Wang Yi With S Jaishankar in Jakarta

Loading

जकार्ता। भारत के साथ व्यापार कम होते ही चीन की हेकड़ी निकलने लगी है। इसीलिए अब चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री से संबंध सुधारने की गुजारिश की है। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान बैठकों के मौके पर वांग ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा कि दोनों देशों के बीच संदेह के बजाय आपसी समर्थन की जरूरत है।

चीन अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार

1990 के दशक से, सीमा समझौतों की एक श्रृंखला के बाद दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ है और चीन अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हालांकि, LAC (Line of Actual Control) पर ताजा झड़पों के बाद भारत ने व्यापार कम किया है, जिसके चलते अब चीन फिर से संबंध सुधारने का राग अलाप रहा है।

गलवान झड़प के बाद बढ़ा तनाव

भारत और चीन 3,800 किमी की सीमा साझा करते हैं। 2020 में गलवान घाटी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। आमने-सामने की लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक और चार चीनी सैनिक मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने चीन से संबंध सामान्य नहीं रखे हैं।

कई बार हो चुकी वार्ता

कल शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के पूर्व विदेश मंत्री एवं वर्तमान में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष वांग यी की मुलाकात हुई। दोनों नेता इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान रीजनल फोरम (ARF) की बैठक में आए हुए हैं, जहां उनकी प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। पिछले कुछ महीनों में जयशंकर चीन के विदेश मंत्री के साथ दो बार बैठक कर चुके हैं।

अगस्त में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों और शीर्ष नेताओं की बैठक के दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच फिर बैठकें होने की संभावना है। दोनो देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर और सैन्य कमांडर स्तर पर भी वार्ताओं का दौर एक निश्चित अंतराल पर चल रहा है। यह भी सूचना है कि सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच बैक-चैनल वार्ताएं भी हो रही हैं।

भारत का साफ संदेश- सीमा पर शांति व अमन जरूरी

हालांकि, चीन एलएसी के पास दो स्थलों से अपनी सेनाओं को मई, 2020 से पहले वाली स्थिति में ले जाने को तैयार नहीं है। चीन का कहना है कि भारत के साथ सीमा पर स्थिति सामान्य है, जबकि भारत लगातार कह रहा है कि अभी स्थिति सामान्य नहीं है और सीमा पर शांति व अमन स्थापित किए बगैर रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

Continue Reading

Trending