अन्तर्राष्ट्रीय
ऑनलाइन भीख मांगकर ये भिखारी कमाता है इतने रुपए, जानकर छोड़ देंगे IAS-PCS की तैयारी!
नई दिल्ली। देश में किसी भी कोने में आपको ट्रैफिक सिग्नल धार्मिक स्थलों पर भिखारी देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा आपने पढ़े लिखे भिखारियों के बारे में भी अखबरों में पढ़ा होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे भिखारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो सभी भिखारियों से एक कदम आगे की सोचता है।
यह भिखारी लोगों से ऑनलाइन भीख मांगकर लाखों रुपए कमाता है। दरअसल, न्यूयॉर्क का जोवन हिल नाम का शख्स ऑनलाइन भीख मांगकर घर बैठे लाखों रुपए कमाता है।
हालांकि भीख मांगने का पेशा अपनाने से पहले वो एक रेस्टोरेंट में काम करता था। जहां उसे महीने भर काम करने के बाद 965 पाउंड यानी 87 हजार रुपए की तनख्वाह मिलती थी।
रेस्टॉरेंट में काम करने से पहले कॉलेज के दिनों में वो लोगों के घर जाकर हेल्थ केयर असिस्टेंट की सर्विस मुहैया कराता था, लेकिन लगता है कि उससे आने वाली इनकम से वो खुश नहीं था, इसलिए उसने उस काम छोडक़र ऑनलाइन भीख मांगना शुरू कर दिया।
दरअसल, जोवन के ट्विटर पर 1 लाख 10 हजार फॉलोअर्स हैं, जिसने वो पैसे मांगता है। उसकी मानें तो वो ट्विटर पर अपने फॉलोअर्स को सर्विस मुहैया कराता है और बदले में फॉलोअर्स खुश होकर उसे पैसे देते हैं। हर महीने ऑनलाइन भीख मांगकर जोवन 5 लाख रुपए कमा लेता है, जिससे वो अपने घर का किराया भरता है और अपने महंगे शौक को पूरा करता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब वो फोब्र्स की लिस्ट में सबसे मशहूर बिजनेसमैन के तौर पर अपना नाम दर्ज कराने का ख्वाब देख रहा है। उसका कहना है कि ट्विटर पर उसके ट्वीट और लाइव स्ट्रीमिंग बहुत एंटरटेनिंग होते हैं, जिसे देखकर फॉलोअर्स बेहद खुश होते हैं और उसे पैसे देते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान का फाइटर प्लेन दुर्घटना का शिकार, दो पायलटों की मौत
तेहरान। ईरान का एक लड़ाकू विमान बुधवार को देश के दक्षिणी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो पायलटों की मौत हो गई। हालांकि यह विमान वाकई किसी दुर्घटना का शिकार हुआ या फिर इसे किसी देश ने मार गिराया। इसके बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। पायलटों की पहचान कर्नल हामिद रजा रंजबार और कर्नल मनौचेहर पीरजादे के रूप में की गई है।
ईरान की मीडिया में सामने आई खबरों के अनुसार विमान की मरम्मत के बाद पायलट परीक्षण उड़ान पर थे। यह दुर्घटना राजधानी तेहरान से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण में फिरोजाबाद शहर के पास हुई। रिपोर्ट में विमान के प्रकार या दुर्घटना के कारण के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया।
ईरान की वायु सेना के पास 1979 की इस्लामी क्रांति से पहले खरीदे गए अमेरिका निर्मित कई सैन्य विमान हैं। टॉमकैट एफ-14 अमेरिका निर्मित विमान है, ईरान के पास रूस निर्मित मिग और सुखोई विमान भी हैं। दशकों से पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण देश को विमान के ‘स्पेयर पार्ट्स’ (खराब हुए पुर्जों की जगह नए पुर्जे) प्राप्त करना और पुराने विमानों का रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है।
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