Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि को प्रमुख तीर्थ पर्यटन स्थल के रूप विकसित कर रही योगी सरकार

Published

on

Shri Krishna Janmabhoomi

Loading

ब्रज के गुमनाम धार्मिक तीर्थ स्थलों को जीवंत करने में जुटी योगी सरकार

मथुरा। योगी सरकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि को राज्य में एक प्रमुख तीर्थ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में गुमनामी के अंधेरों में कहीं खो से चुके ब्रज के धार्मिक तीर्थ स्थलों को यूपी सरकार फिर से जीवंत करने में लगी हुई है। इसके लिए तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जा रही हैं।

पग पग पर तीर्थस्थल

काशी और अयोध्या की तरह ही मथुरा में भी पग-पग पर तीर्थ स्थल पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा जिनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है इनमें से ही एक ताज बीबी और रसखान का समाधि स्थल है। यह दोनों ही भगवान श्री कृष्ण के ऐसे अनन्य भक्तों में से एक हैं, जो मुस्लिम समुदाय से होते हुए भी भगवान श्रीकृष्ण को मानते हैं। भगवान श्री कृष्ण के इन दोनों मुस्लिम भक्तों के समाधि स्थल काफी पुराने और खंडहर में तब्दील हो रहे थे। जिसका जीर्णोद्धार उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा कराया गया।

जीर्णोद्धार में 10 करोड़ की लागत

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज वर्मा ने बताया कि इस स्थान का लगभग 10 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार कराया गया है। परिसर में एक ओपन थिएटर, फिल्म केंद्र और एक फूड कोर्ट बनाया गया है। यहां बने इस ओपन थिएटर में करीब 500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस ओपन थिएटर में रसखान और ताज बीबी के जीवन और कार्यों पर शो आयोजित किए जाते हैं।

पर्यटकों की संख्या में इजाफा

पंकज वर्मा ने बताया कि ताज बीबी और रसखान समाधि का जीर्णोद्धार होने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस परिसर में प्रतिदिन लगभग 2000-3000 पर्यटक आते हैं। वैसे तो उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद द्वारा मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में विकसित होने वाले कई स्थान हैं। लेकिन जब सीएम योगी को मकबरा परिसर का प्रस्ताव भेजा गया, तो सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा तुरंत धनराशि जारी कर दी गई।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

लंगड़े भेड़िए ने बनाया अपना नया झुंड, डर के साए में जीने को मजबूर लोग

Published

on

Loading

बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। माता-पि‍ता अपनी और अपने बच्चों की जान को लेकर फिक्र मंद हैं। यहां पांचवें भेड़िए के पकड़े जाने के बाद अब बस एक लंगड़ा भेड़िया बचा है। यह छठा भेड़िया लगातार महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बना रहा है।

इस बीच बहराइच में भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर की बुधवार शाम चार भेड़ियों का झुंड देखा गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी है। माना जा रहा है कि ये वही भेड़िया है जिसकी वन विभाग को तलाश है। हालांकि भेड़ियों के नए झुंड ने लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया है।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी ने बताया है कि सिसैया चूरामनि गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर उनके फार्म हाउस पर बुधवार शाम चार भेड़ियों का एक झुंड देखा गया। इनमें से एक भेड़िया लंगड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों को घेरना शुरू किया तो वे हमारे मक्के के खेत से होते हुए पड़ोसी के खेत में चले गये। अब संभवतः किसी खेत में ही भेड़िए छिपे हैं। हालांकि, वन अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इस नये झुंड में आदमखोर भेड़िया शामिल होगा। अधिकारी ने कहा कि भेड़ियों का ये झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो इसके सदस्य भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर हो सकते हैंर और ज्यादा बढ़ा दिया है।

बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों लोग भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। यहां आदमखोर भेड़ियों ने इस साल मार्च में सबसे पहले एक बच्चे पर हमला कर दिया था, लेक‍िन जुलाई के बाद से भेड़ियों का हमला बढ़ता जा रहा है। ये भेड़िये अक्सर घरों में सो रहे बच्चों को निशाना बनाते हैं। डेढ़ महीने में भेड़ियों का झुंड महिलाओं और बच्चों समेत दस लोगों की जान ले चुका है. इसके अलावा भेड़ियों ने 35 लोगों को घायल कर द‍िया है।

Continue Reading

Trending