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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि को प्रमुख तीर्थ पर्यटन स्थल के रूप विकसित कर रही योगी सरकार

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Shri Krishna Janmabhoomi

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ब्रज के गुमनाम धार्मिक तीर्थ स्थलों को जीवंत करने में जुटी योगी सरकार

मथुरा। योगी सरकार श्रीकृष्ण जन्मभूमि को राज्य में एक प्रमुख तीर्थ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में गुमनामी के अंधेरों में कहीं खो से चुके ब्रज के धार्मिक तीर्थ स्थलों को यूपी सरकार फिर से जीवंत करने में लगी हुई है। इसके लिए तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जा रही हैं।

पग पग पर तीर्थस्थल

काशी और अयोध्या की तरह ही मथुरा में भी पग-पग पर तीर्थ स्थल पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा जिनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है इनमें से ही एक ताज बीबी और रसखान का समाधि स्थल है। यह दोनों ही भगवान श्री कृष्ण के ऐसे अनन्य भक्तों में से एक हैं, जो मुस्लिम समुदाय से होते हुए भी भगवान श्रीकृष्ण को मानते हैं। भगवान श्री कृष्ण के इन दोनों मुस्लिम भक्तों के समाधि स्थल काफी पुराने और खंडहर में तब्दील हो रहे थे। जिसका जीर्णोद्धार उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा कराया गया।

जीर्णोद्धार में 10 करोड़ की लागत

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज वर्मा ने बताया कि इस स्थान का लगभग 10 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार कराया गया है। परिसर में एक ओपन थिएटर, फिल्म केंद्र और एक फूड कोर्ट बनाया गया है। यहां बने इस ओपन थिएटर में करीब 500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस ओपन थिएटर में रसखान और ताज बीबी के जीवन और कार्यों पर शो आयोजित किए जाते हैं।

पर्यटकों की संख्या में इजाफा

पंकज वर्मा ने बताया कि ताज बीबी और रसखान समाधि का जीर्णोद्धार होने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस परिसर में प्रतिदिन लगभग 2000-3000 पर्यटक आते हैं। वैसे तो उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद द्वारा मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में विकसित होने वाले कई स्थान हैं। लेकिन जब सीएम योगी को मकबरा परिसर का प्रस्ताव भेजा गया, तो सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा तुरंत धनराशि जारी कर दी गई।

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उत्तर प्रदेश

मथुरा में प्रेमानन्द महाराज जी ने आज फिर से उसी रास्ते से निकाली पदयात्रा, फूलों से बनाई गई रंगोली

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मथुरा। मथुरा में प्रेमानन्द महाराज जी ने आज फिर से उसी रास्ते से अपनी पदयात्रा निकाली जहां से पहले निकलती थी। प्रेमानन्द महाराज जी ने बृजवासियों के आग्रह को स्वीकार कर लिया है और यही वजह है कि महाराज जी ने फिर से एक बार उसी रास्ते को चुना जिस पर उनका विरोध हुआ था। विरोध के बाद रोड के किनारे रहने वाले सभी निवासी इकट्ठे हुए और उन्होंने प्रेमानंद महाराज जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद महाराज जी ने ब्रज वासियों के उस आग्रह को स्वीकार कर लिया, जिसमें फिर से उस इलाके से पदयात्रा निकालने की अपील की थी।

स्थानीय निवासियों की इच्छा के अनुसार, महाराज जी ने अपने आवास से निकलकर सड़क से होते हुए अपने आश्रम को पहुंचे। इस दौरान श्री राधा एनआरआई ग्रीन के बाहर भी लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। रोड पर वहां पर फूलों से रंगोली बनाई गई थी और दीपदान भी किया गया।

जिस रास्ते पर महाराज जी निकले उसे पूरे रास्ते पर फूलों से सजी रंगोलियां बनाई गई। जगह-जगह महाराज जी का स्वागत किया गया। कोई भक्त महाराज जी के पुनः आगमन पर उनकी आरती उतरता नजर आया तो कोई भक्त उन्हें निहार हुए रोता नजर आया। कुछ भक्तों की जिद थी कि आज जिस जगह विरोध हुआ है उसी जगह पर उनके दर्शन करेंगे। लोगों में बेहद खुशी का माहौल था। खास तौर से उन लोगों में जो यहां के स्थानीय निवासी थे। उन लोगों का कहना था कि चंद लोगों ने विरोध किया था। उसकी वजह से पूरा बृज बदनाम हुआ।

बृजवासी हमेशा यही चाहते हैं कि महाराज जी हमेशा इसी रास्ते से निकलें। जिससे उन्हें हर दिन महाराज जी के दर्शन हो सके। इसके लिए उन्होंने आज विशेष तौर से महाराज जी के लिए दीपोत्सव मनाया।

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