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उत्तर प्रदेश

प्रदेश की नारी शक्ति को सशक्त बनाने में जुटी योगी सरकार

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवनस्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

लखपति दीदी योजना : महिलाओं के लिए खुले आर्थिक क्रांति के द्वार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार दे रही सब्सिडी और प्रशिक्षण

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

वित्तीय समावेशन से मिली नई ताकत

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

महिला पेंशन और मातृत्व सहायता ने बनाया समर्थ

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

ग्राम स्तर पर मजबूत संगठनों का निर्माण

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

समृद्ध समाज की ओर बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

यूपी में नारी शक्ति का नया युग

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ आपको बुला रहा है, सरकार दिल खोलकर स्वागत कर रही है

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महाकुम्भ नगर। तीरथ राज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य त्रिवेणी के महाकुम्भ के बारे में सिर्फ इतना ही कहा जा सकता। खुद में यह अद्भुत, अविस्मरणीय और अकल्पनीय है। यहां सिर्फ दो नदियों का पवित्र संगम ही नहीं, अध्यात्म और विज्ञान का भी संगम है। भारत की विराट संस्कृति और बेहद संपन्न धर्म एवं अध्यात्म का जीवंत स्वरूप है वैश्विक समागम के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज के महाकुम्भ का। महाकुम्भ देश की विविधता को एकता में बांधने का सबसे बड़ा आयोजन है। यहां धर्म,कर्म अध्यात्म,भक्ति, उपासना, दर्शन सब कुछ है। साथ ही इस सबका अद्भुत समावेश भी। महाकुम्भ अपनी सनातन परंपरा वसुधैव कुटुम्बक का उदघोष है।

वैश्विक है मानवता के सबसे बड़े संगम महाकुम्भ का स्वरूप

यहां उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक पूरा भारत मौजूद है। सिर्फ भारत ही क्या संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, रूस, फिजी, मॉरीशस, ट्रिनिडाड, टोबेको, फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया सिंगापुर, आइसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, ग्रीस दुबई सब कुछ है। इसके इसी विशालता के कारण 2017 यूनेस्को ने कुंभ मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया। यूनेस्को की मान्यता योगी की ब्रांडिंग और कुंभ 2019 के सफल आयोजन से वैश्विक आकर्षण का और बड़ा केंद्र हो गया।

महाकुम्भ की सफलता एक सन्यासी का संकल्प

उल्लेखनीय है कि 2017 में ही प्रदेश को योगी आदित्यनाथ के रूप में एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला जो मूलतः सन्यासी हैं। वह गोरखपुर स्थित उत्तर भारत की प्रमुख पीठ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं। स्वाभाविक है धर्म, आध्यात्म और योग उनके रुचि के विषय हैं। इसकी वजह से उन्होंने 2019 के कुंभ के सफल आयोजन को मिशन बना लिया। आयोजन सफल भी रहा। अब जब 2025 में महाकुम्भ का आयोजन चल रहा है तब योगी और भी शिद्दत से इसके आयोजन में लगे हैं। उन्होंने कुंभ को तकनीक के इस युग में डिजिटल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सुरक्षा और सफाई शुरू से उनकी प्रतिबद्धता रही है। वह इस आयोजन में भी दिख रही है।

गंगा की रेती पर बसा है एक संसार

गंगा की रेती पर कुछ दिन के लिए ही सही पूरा संसार बसा है। ऐसा संसार जिसमें सबके रहने और खाने का इंतजाम है। रात होते ही रेती पर जगमग तंबुओं के यह संसार झक रोशनी से और निखर जाता है। जगह धर्म, अध्यात्म और भक्ति की गंगा प्रवाहित होने लगती है। तड़के पवित्र संगम या मोक्षदायिनी, पापनाशिनी गंगा में डुबकी लगाने वाले हाथ जोड़े, श्रद्धा से सिर झुकाए धर्म और अध्यात्म के इस संगम में गोता लगाते हैं। अपलक आंखों से उनको देख किसी फिल्म का यह गीत बरबस याद जाता है,”अभी न जाओ छोड़ के कि दिल अभी भरा नहीं।

महाकुम्भ आपको बुला रहा है, सरकार दिल खोलकर स्वागत कर रही है

जन मन का यह आयोजन आपको भी बुला रहा है। जरूर जाइए। आप देखेंगे कि यहां किसी से भेद नहीं होता। यहां लोगों के ललाट पर लगे चंदन के बीच के टीकों को देखिए। इन पर निज श्रद्धा के अनुसार राधे राधे, जय श्रीराम, हर हर महादेव, हर हर गंगे, राधा कृष्ण सब मिल जाएगा। महाकुम्भ में आने वाले सबका एक ही मकसद है। पावन संगम में डुबकी लगाकर पापमुक्त होने और मोक्ष का। कुछ स्नान करने आ रहे हैं तो अगले को बिना पूछे बता रहे हैं कि आपको कहां कैसे जाना है। कुछ जिनको अभी स्नान करना है, वह संगम का पता पूछ रहे है। बताने वाला पूरे इत्मीनान से उनको बता भी रहा है। यहां के धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण में शांति है, सकून है और तीरथराज की ऊर्जा भी। खुद के साथ लोककल्याण की भावना भी। अपनी सनातन परंपरा वसुधैव कुटुम्बक के अनुरूप। गंगा की हिलोरें लेती धारा यमुना की अगाध जलराशि आपको पुण्य की डुबकी लेने को आमंत्रित करती हैं। इधर रेती में तंबूओं में बसा मनुष्यों का सैलाब संगम में समाने को आतुर रहता है। इस अहसास की कल्पना वही कर सकता जिसने कुंभ को देखा हो। उसकी भावनाओं को आत्मसात किया हो। यह करने के लिए प्रयागराज का यह महाकुम्भ अब भी आपको बुला रहा है। योगी सरकार भी आपके स्वागत सत्कार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने को आमादा है।

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