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उत्तर प्रदेश

कुंभ की संवाद परंपरा को पुनर्जीवित कर रही है योगी सरकार, कुंभ कॉन्क्लेव बन रहा है माध्यम

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प्रयागराज | महाकुंभ मात्र एक धार्मिक आयोजन नही बल्कि कुम्भ हमारे देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं वैचारिक विविधताओं का संगम का प्रतिबिंब है। कुम्भ की महत्ता के दृष्टिगत यूनेस्को द्वारा इसे ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। वर्ष 2019 के दिव्य-भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के योगी सरकार के बेंच मार्क के बाद महाकुंभ 2025 के आयोजन को देश -विदेश में पहुंचाने के लिए कुंभ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है।

तीसरा कुंभ कॉनक्लेव 25-27 अक्टूबर तक प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित किया जा रहा है। एमएनएनआईटी के इनोवेशन व इनक्यूबेशन हब और इंडिया थिंक काउंसिल की ओर से यह आयोजन होगा। इसमें उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की भी सहभागिता होगी। इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक डॉक्टर सौरभ बताते हैं कि इस तीन दिवसीय कुंभ कॉन्क्लेव में 10 से अधिक तकनीकी सत्र होंगे। उसमें देश और विदेश के विद्वान शामिल होंगे।

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। उनके अलावा सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में पद्म विभूषण और भारत के पूर्व राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, परमार्थ निकेतन हरिद्वार के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, यूपी के उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवम संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह प्रमुख वक्ता होंगे।

‘कुम्भ-कॉन्क्लेव 2024-25’ के निमित्त देश के 25 प्रमुख स्थानों पर कुम्भ की भव्यता, विशेषता और महत्व के सम्बन्ध में गोलमेज सम्मेलन/रोड-शो का आयोजन होता है। इस अवसर पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों एवं विद्वानों के पारस्परिक विचार-विमर्श से उपयोगी एवं रचनात्मक सुझाव समाज के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे।

इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रोत्साहन के बाद 2019 के कुंभ से शुरू हुए इस कुंभ कॉन्क्लेव के आयोजन में विभिन्न सत्रों में आयोजित होने वाले विमर्श और चिंतन-मनन से कुंभ की उस प्राचीन संवाद परंपरा को पुनर्जीवन मिल रहा है जो धीरे धीरे हासिये में आ गई थी। प्राचीन काल से कुंभ धर्म , समाज और व्यवस्था की मौजूदा व्यवस्था को चिंतन की कसौटी में कसने का अवसर रहा है जिससे बेहतर व्यवस्था के मूल मंत्र पहचाना जा सके ।

इस कुंभ कॉन्क्लेव में तीन दिनों तक चलने वाले 11 सत्रों में अखाड़ा, आश्रम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फूड सिक्योरिटी, फूड सिक्योरिटी, टेंपल इकोनॉमी और उद्यमिता की थीम पर विचार मंथन होगा। इसके लिए देश और विदेश के विषय के विशेषज्ञ इसमें शामिल हो रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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