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उत्तर प्रदेश

सूर्यवंश की राजधानी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही योगी सरकार

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अयोध्या पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या सौर ऊर्जा सिटी के रूप मे विकसित हो रही है। अयोध्या मंडल मे सौर ऊर्जा कनेक्शन के लिए लगभग 76, 108 लोगों ने पंजीकरण कराया है। बिजली की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया है। इससे लोगों को उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यकता के अनुरुप बिजली मिल सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को सोलर सिटी बनाने के लिए घोषणा की थी। इसके लिए यूपीनेडा की ओर से अयोध्या मे 40 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा घर-घर सौर ऊर्जा स्थापित किया जा रहा है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अयोध्या मंडल में 76,108 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। इस योजना का प्रसार प्रचार करने के लिए सोलर सखी द्वारा डोर टू डोर कैंपेन भी चलाया जा रहा है।

अयोध्या मंडल मे अभी तक हुए रजिस्ट्रेशन

बाराबंकी 24581
अम्बेडकर नगर 14617
अयोध्या 13804
सुल्तानपुर 13651
अमेठी 9455

अब तक स्थापित किए गए कनेक्शन

बाराबंकी 330
अयोध्या 175
सुलतानपुर 140
अम्बेडकर नगर 89
अमेठी 25

क्या है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रति किलोवॉट 10 वर्गमीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है। एक किलोवॉट के रूफटॉप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन 4-5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वारा करने के उपरांत अवशेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है। इसका नेटमीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में संबंधित डिस्कॉम द्वारा समायोजन किया जाता है। उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रों की स्थापना में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 3 से 4 वर्ष में हो जाती है।

केंद्र व प्रदेश सरकार दे रही अनुदान

केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान प्रदान किया जा रहा है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान इस प्रकार दिए जा रहे हैं।

1- एक किलो वाट – केन्द्रानुदान – 30000 ,राज्यांश – 15000
कुल अनुदान- 45000
2- दो किलो वाट- केन्द्रानुदान_60000,राज्यांश -30000, कुल अनुदान- 90000

3- तीन किलो वाट केन्द्रानुदान -78000,राज्यांश – 30000
कुल अनुदान- 108000
एक से दस किलोवॉट क्षमता के संयंत्र का अनुमानित मूल्य प्रति किलोवॉट लगभग 60 से 65 हजार रुपये प्रति किलोवाट के मध्य आता है। संयंत्र की स्थापना के उपरांत केंद्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है।

योजना का लाभ पाने के लिए क्या करें

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जिस पर आवेदन किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना बैंक से ऋण लेकर कराये जाने हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसका लाभ उपभोक्ता द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु एमएनआरई भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में वेंडर इम्पैनलमेंट की कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 525 वेंडर पंजीकृत हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना के लिए 25 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए डिस्कॉमवार/ जनपदवार लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता हैं।

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उत्तर प्रदेश

रायबरेली में ट्रेन को पलटाने की साजिश, ट्रैक पर रखे सीमेंटेड स्लीपर से टकराई मालगाड़ी, टला बड़ा हादसा

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रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक बार फिर ट्रेन को पलटाने की साजिश रची गई है। एक मालगाड़ी सीमेंटेड स्लीपर से टकराई, लेकिन सूझबूझ से हादसा होने से बच गया। आशंका है कि खेत में रखे 3 स्लीपरों को खींचकर ट्रैक पर लाकर रखाा गया। हादसे के बाद 20 मिनट तक मालगाड़ी खड़ी रही। रायबरेली के लक्ष्मणपुर स्टेशन का मामला है।

जानकारी के मुताबिक सतना से सीमेंट क्लिंकर लेकर कुन्दनगंज मालगाड़ी रायबरेली की ओर आ रही थी। मंगलवार की देर रात लक्ष्मणपुर और दरियापुर स्टेशन के बीच रेलवे क्रासिंग संख्या 15 सी के पास अचानक ट्रैक पर रखे सीमेंटेड स्लीपर से मालगाड़ी जा टकराई। तेज आवाज़ के होने पर चालक ने मालगाड़ी रोक कर स्लीपर को हटाया और रेल अधिकारियों को सूचना दी।

इस दौरान करीब 20 मिनट तक मालगाड़ी वहीं खड़ी रही। मौके पर ऊंचाहार आरपीएफ की टीम पहुंची और जांच में जुटी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि इस समय ट्रैक मरम्मत का काम चल रहा है जिसके लिए सीमेंटेड स्लीपर बगल के खेतों में रखे हैं, उन्ही को अराजकतत्वों ने ट्रैक पर रखा होगा। पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।

आरपीएफ इंस्पेक्टर ऊंचाहार का कहना है कि मालगाड़ी से ट्रैक पर पड़े एक सीमेंटेड स्लीपर से टकराने की घटना सामने आई है। इस प्रकरण में साजिश के बिन्दु समेत अन्य जांच करते हुए कार्रवाई की रही है।

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