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उत्तर प्रदेश

10 सितंबर को 647 युवाओं को वन व वन्य जीव विभाग से जोड़ेगी योगी सरकार

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लखनऊ| योगी सरकार ने ‘मिशन रोजगार’ के तहत साढ़े सात वर्ष में निष्पक्षता व पारदर्शिता के आधार पर साढ़े छह लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। हर विभाग में युवाओं को निरंतर सरकारी नौकरी दी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले दो वर्ष में उत्तर प्रदेश के दो लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी से जोड़ने का ऐलान किया है। इसके लिए तैयारियां भी चल रही हैं। इसी क्रम में सीएम योगी के हाथों से लोकभवन में मंगलवार को 647 युवाओं को वन रक्षक व वन्य जीव रक्षक पद पर नियुक्ति पत्र वितरित किया जाएगा। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी 41 अवर अभियंताओं की तैनाती की गई है।

वन रक्षक-वन्य जीव रक्षक पद पर 534 हो चुके चयनित, 647 को फिर मिलेगा नियुक्ति पत्र

योगी सरकार ने अन्य विभागों की तरह ही वन व वन्य जीव विभाग में भी पारदर्शी प्रक्रिया के अनुरूप युवाओं को नौकरी दी है। योगी सरकार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से निकली भर्ती में सहायक वन संरक्षक पद पर 94, क्षेत्रीय वन अधिकारी पद पर 217, सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पद पर 15 युवाओं को नियुक्ति दी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निकाली गई भर्ती में मानचित्रकार पद पर 37 और वन रक्षक/वन्य जीव रक्षक पद पर 534 युवाओं की नियुक्ति की गई है। इसी पद पर 10 सितंबर को 647 अन्य युवाओं को भी नियुक्ति पत्र दिया जाएगा यानी वन रक्षक और वन्य जीव रक्षक के पद पर कुल 1181 युवाओं की भर्ती हो जाएगी। यह रक्षक वन्यजीव व मानव संघर्ष को रोकने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करेंगे। इसी तरह क्षेत्रीय वन अधिकारी के पद पर 217 युवाओं को सरकारी नौकरी मिली।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 41 जेई भी हुए नियुक्त

वन विभाग के अतिरिक्त यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी युवाओं की जेई पद पर भर्ती की गई। इसमें 41 अवर अभियंताओं की तैनाती की गई है। निष्पक्षता के आधार पर मिली नौकरी के उपरांत युवा काफी पारदर्शिता से अपने कार्यों का संचालन कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

रामलीला मंच के पास से हटाए जाने पर आहत हुए एक दलित दर्शक, घर जाकर की आत्महत्या

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कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में रामलीला मंच के पास से हटाए जाने पर आहत हुए एक दलित दर्शक ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।अधिकारी के मुताबिक, सोरों थानाक्षेत्र में आयोजित रामलीला के दौरान पुलिस द्वारा कथित तौर पर अपमानित किये जाने से आहत होकर एक दलित दर्शक ने आत्महत्या कर ली। वहीं पुलिस ने बताया कि आयोजकों द्वारा व्यक्ति को शराब के नशे में होने के बाद वहां से हटाया गया।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सरकार पर साधा निशाना

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में मंगलवार को प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मंच के करीब कुर्सी पर बैठे दलित व्यक्ति को पुलिस द्वारा अपमानित और पीटे जाने के बाद उसने आत्महत्या कर ली। कासगंज पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सोरों थाना क्षेत्र के सलेमपुर बीबी इलाके में सोमवार सुबह रमेश चंद्र (45) अपने घर में फंदे से लटका हुआ पाया गया।

कासगंज एएसपी राजेश कुमार भारती ने बताया

वहीं, मामले में कासगंज के एएसपी राजेश कुमार भारती ने बताया कि कल रामलीला का मंचन हो रहा था. इस मंचन के दौरान गांव के ही रमेश चंद जो उसे समय थोड़ा नशे में थे मंच पर बैठ गए. जिसपर आयोजकों और दर्शकों ने उन्हें हटने के लिए कहा. बाद में पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटा दिया और वह रात को घर भी चले गए.

आज सूचना प्राप्त हुई कि रमेश चंद अपने घर में रस्सी से कुंडे से लटके हुए मिले. उन्होंने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. खबर मिलते ही SHO, सीओ सिटी आदि मौके पर पहुंच गए. फिलहाल, परिजनों से वार्तालाप करके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. आगे की जांच-पड़ताल की जा रही है

 

 

 

 

 

 

 

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