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उत्तर प्रदेश

योगी के मंत्रियों ने दिल्ली और पंजाब की जनता को दिया महाकुंभ-2025 का निमंत्रण

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दिल्ली/मोहाली। महाकुम्भ 2025 के महत्व और तैयारियों को जन-जन तक पहुंचाने और इसे भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए योगी सरकार ने मोहाली और दिल्ली में भव्य रोडशो का आयोजन किया। योगी के मंत्रियों ने रोडशो का नेतृत्व करते हुए पंजाब और दिल्ली के आम जनता के साथ-साथ गणमान्य व्यक्तियों को महाकुम्भ में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

दिल्ली में आयोजित रोडशो का नेतृत्व वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने किया। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री आतिशी और दिल्ली की जनता को आमंत्रित करते हुए महाकुम्भ को भारतीय संस्कृति की महान धरोहर बताया।

वहीं मोहाली में गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री धर्मवीर प्रजापति और कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने भव्य रोडशो का नेतृत्व किया। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब की जनता को प्रयागराज महाकुम्भ-2025 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

रोडशो के दौरान प्रेसवार्ता में महाकुम्भ जुड़ी जानकारी देते हिए मंत्रियों ने इसे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत, समावेशी भारत’ की दिव्य झांकी बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन है। प्रयागराज महाकुंभ-2025 में 45 करोड़ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के आने की संभावना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और डिजिटल महाकुंभ के रूप में तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेले को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाने के साथ-साथ 400 स्कूलों के प्रधानाचार्यों और लाखों बच्चों को स्वच्छता अभियान से जोड़ा गया है।

उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि 100 बेड के अस्पताल समेत कई मेडिकल सुविधाएं मेला क्षेत्र में उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही, डिजिटल अनुभव के लिए एआई चैटबॉट, क्यूआर आधारित पास, और गूगल मैप एकीकरण जैसी सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं।मोहाली और दिल्ली में आयोजित इन रोडशो में गणमान्य व्यक्तियों, ट्रैवल ऑपरेटर्स, मीडिया प्रतिनिधियों, और स्थानीय उद्योगपतियों ने भाग लिया।

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उत्तर प्रदेश

अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।

“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।

जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत

पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

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