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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के विरोध में वेनेजुएला में 80 लाख हस्ताक्षर

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काराकस | वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने कहा है कि अमेरिका द्वारा जारी एक फरमान के खिलाफ एक याचिका पर 80 लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। दरअसल, अमेरिका ने वेनेजुएला को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती घोषित किया था। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ द्वारा सोमवार को जारी रपट के अनुसार, “ओबामा ने नौ मार्च को एक आदेश पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें कहा गया था कि वेनेजुएला के मौजूदा हालात अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा बन गए हैं। इसलिए मैं इस चुनौती से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करता हूं।”

मदुरो ने ट्वीट कर कहा, “पूरे देश को धन्यवाद। हम शांति की जीत की तरफ बढ़ रहे हैं।” मदुरो ने नौ मार्च को ‘बोलिवेरियन एंटी-इंपीरियलिज्म डे’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। वेनेजुएला के अधिकारियों ने कहा कि इस अभियान में वेनेजुएला से बाहर के लोगों से भी हस्ताक्षर कराए गए हैं। इसमें कई क्षेत्रीय संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है। पिछले कुछ महीनों से वेनेजुएला-अमेरिका के संबंध बिगड़ गए हैं। मदुरो ने अमेरिका पर स्थानीय विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से हटाने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। लेकिन अमेरिका ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ बताया है। मदुरो ने कहा कि पनामा में 10 से 11 अप्रैल को आयोजित अमेरिकी देशों के संगठन (ओएएस) के सम्मेलन के दौरान ये हस्ताक्षर ओबामा को सौंपे जाएंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

मक्का में भीषण गर्मी से अब तक 1300 से अधिक हज यात्रियों की मौत, 98 भारतीय भी शामिल

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नई दिल्ली। सऊदी अरब में भीषण गर्मी से मरने वाले हाजियों की संख्या 1300 के पार हो गई है। कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें सड़क पर हाजियों के शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। रविवार को सऊदी अरब ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हज यात्रा के दौरान इस साल कम से कम 1301 लोगों की मौत हुई है। जिनमें गर्मी के कारण कई लोगों की जान गई। जबकि पांच में से चार लोगों की जान “अनधिकृत” यात्राओं के कारण हुईं. सऊदी अरब सरकार ने एक बयान में कहा कि, “इस साल गर्मी ने स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित किया, जिससे कई लोग परेशान हो गए। अफसोस की बात ये है कि इस दौरान 1,301 लोगों की मौत हो गई।

सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि मृतक लोगों में कई बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार व्यक्ति शामिल हैं। इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों मौतों और चोटों के पीछे अत्यधिक गर्मी को मुख्य वजह बताया गया। बीते सोमवार को मक्का में तापमान 51.66 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि इस साल सऊदी अरब प्रशासन ने हज यात्रा के लिए दुनियाभर के 18 लाख लोगों को हज पर आने की इजाजत दी थी। इसमें हजारों ऐसे यात्री भी शामिल हुए जिन्हें हज के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया था। जिसके चलते उन्हें हज यात्रियों जैसी सुविधाएं नहीं मिली। इसलिए वह खुले आसमान में रहने को मजबूर हो गए। साथ ही उन्हें अधिकृत रूप से हाजियों को ले जाने वाली बसों में भी यात्रा का लाभ नहीं जिसके चलते ये लोग गर्मी का शिकार हो गए और कई की इसमें जान चली गई।

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