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मनोरंजन

‘तिथि’ को लोकार्नो फिल्मोत्सव में 2 शीर्ष पुरस्कार

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चेन्नई। लोकार्नो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बेंगलुरू के फिल्मकार राम रेड्डी के निर्देशन की पहली कन्नड़ फिल्म ‘तिथि’ ने दो शीर्ष पुरस्कार जीते। यह इस फिल्मोत्सव में आठ साल बाद कोई पुरस्कार जीतने वाली भारतीय फिल्म है। पांच से 15 अगस्त तक आयोजित हुए फिल्मोत्सव के कंसोर्सो किनास्तिडेल प्रेसेंट खंड में ‘तिथि’ की स्क्रीनिंग रखी गई थी। इसके बाद यह गोल्डन लेपर्ड और स्वाच फर्स्ट फीचर फिल्म पुरस्कार से सम्मानित की गई।

पुरस्कार की घोषणा स्वतंत्रता दिवस पर की गई थी, जिसने फिल्म की टीम के लिए इस जीत को और खास बना दिया। लोगों ने स्क्रीनिंग के बाद फिल्म की सराहना में खड़े होकर तालियां बजाईं। फिल्म के निर्देशक राम रेड्डी ने एक बयान में कहा, “मेरा हमेशा से यह सपना रहा है कि भारत की आत्मा पर एक छोटी सी फिल्म बनाऊं और ‘तिथि’ ऐसा ही एक प्रयास थी..लोकार्नो में मिले पुरस्कार एवं जबर्दस्त प्रतिक्रिया इस बात की संकेत है कि फिल्म ने अपने सफर की जबर्दस्त शुरुआत की है और एक चमत्कारिक समुदाय का सामूहिक प्रयास जिंदा रहेगा।”

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प्रादेशिक

लॉरेंस गैंग ने सलमान को मारने के लिए दी थी 25 लाख की सुपारी, पाकिस्तान से मंगाए थे एडवांस हथियार

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मुंबई। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान की हत्या की साजिश रचने के मामले में आए दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब महाराष्ट्र की पनवेल पुलिस की तरफ से दाखिल चार्जशीट में सलमान की हत्या की प्लानिंग को लेकर कई बातें सामने आई हैं। बॉलीवुड एक्टर को मारने के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह के लोग उन्हें मारने के लिए पाकिस्तान से एडवांस हथियार हासिल करने की योजना बना रहे थे।

दरअसल, इसी साल अप्रैल में दो बाइक सवार लोगों ने मुंबई के बांद्रा में सलमान के गैलेक्सी अपार्टमेंट स्थित घर पर कई राउंड फायरिंग की थी और बाद में पता चला कि यह बिश्नोई का काम था। चार्जशीट के अनुसार, बिश्नोई गिरोह ने अभिनेता की हत्या के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी जारी की थी और उन्होंने अगस्त 2023 से अप्रैल 2024 तक कई महीनों तक इसके लिए योजना बनाई थी।

चार्जशीट के अनुसार, बिश्नोई गिरोह ने पाकिस्तान से हथियार लाने की भी योजना बनाई थी, जिसमें AK-47, AK-92, M16 राइफल और तुर्की निर्मित जिगाना पिस्तौल शामिल थी। चार्जशीट के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कों को सलमान की हत्या का काम सौंपा गया था और वे गोल्डी बरार और अनमोल बिश्नोई के आदेश का इंतजार कर रहे थे।

चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि सलमान की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए करीब 70 लोगों को लगाया गया था और निगरानी नेटवर्क पूरे शहर में फैला हुआ था, जिसमें उनका मुंबई स्थित घर, पनवेल का फार्महाउस और गोरेगांव फिल्म सिटी भी शामिल था। अपने घर पर हमले के बाद सलमान मुंबई पुलिस के सामने पेश हुए थे, जहाँ उन्होंने कहा था कि वे अपने और अपने परिवार के सदस्यों पर लगातार मिल रही धमकियों से तंग आ चुके हैं।

 

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