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मुख्य समाचार

यूपी : मुजफ्फरनगर दंगे की रिपोर्ट पर भाजपा ने उठाए सवाल

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इलाहाबाद। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मुजफ्फरनगर दंगे पर न्यायमूर्ति विष्णु सहाय की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा ने दंगे के दो साल बाद आई इस रिपोर्ट को ‘जल्दबाजी में’ आई रिपोर्ट बताते हुए कहा कि न्यायिक आयोग ने जांच के दौरान भाजपा के लोगों से बात नहीं की।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इलाहाबाद में कहा कि मौलाना नजीर व अन्य चार मौलानाओं को चार्टड प्लेन से मेरठ से लखनऊ व लखनऊ से दिल्ली ले जाया गया था। सरकार मौलाना नजीर व उनके साथी मौलानाओं से क्या बात हुई, इसका खुलासा करे। वाजपेयी ने कहा कि सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव उस अभियुक्त के मदरसे में ही क्यों गए, जबकि उन्हें सभी पक्षों से बात करनी थी। अभियुक्तों को 8 बजे गिरफ्तार कर 9 बजे क्यों छोड़ दिया गया।

वर्ष 2013 में 27 अगस्त और 17 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुए दंगों में 62 इंसानों की मौत हुई थी, जिनमें 42 मुस्लिम और 20 हिंदू थे। न्यायमूर्ति सहाय की रिपोर्ट उप्र सरकार ने अभी सार्वजनिक नहीं की है, मगर मीडिया के एक धड़े का अनुमान है कि इस रिपोर्ट में सपा और भाजपा के स्थानीय नेताओं को दोषी ठहराया गया है। सपा सराकर ने कहा है कि दोषी चाहे जो भी हो, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

पीएससी परीक्षा के मसले पर वाजपेयी ने कहा कि प्रदेश के नौजवानों के साथ छल करने वाले प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव को अपने किए का परिणाम भुगतना ही होगा। पंचायत चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल पर वाजपेयी ने कहा कि पार्टी ने वार्ड स्तर तक पंचायत चुनाव की तैयारी की है और इस चुनाव में पार्टी को अच्छी सफलता मिलेगी।

उत्तर प्रदेश

कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग में मची भगदड़ में गई सैकड़ों जानें

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। मृतकों में अभी कईयों की पहचान नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रशासन की ओर मृतकों की सूची जारी की गई है। इस बीच एक सवाल उठने लगा है कि आखिर वह भोले बाबा कौन है, जिनका सत्संग सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थें।भोले बाबा के नाम से विख्यात बाबा पश्चिमी यूपी में काफी लोकप्रिय हैं। इनका सत्संग सुनने के लिए आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं।

भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। उनका दावा है कि 18 साल की नौकरी से VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।

आपको बता दें कि भोले बाबा अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।

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