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प्रादेशिक

अखिलेश के वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा वाले बयान पर अपर्णा यादव क्या बोलीं

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यंमंत्री अखिलेश यादव कोरोना वैक्सीन पर दिए गए बयान पर अब अपने परिवार में ही अलग थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। पहले चाचा शिवापल यादव ने उनके बयान से किनारा करते हुए कोरोना वैक्सीन पर भरोसा जताते हुए देश के वैज्ञानिकों को बधाई दी तो वहीँ अब मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने इसपर एक अहम बयान दिया है।

अपर्णा यादव ने कहा कि है कोरोना वैक्सीन देश की उम्मीद है और इसे किसी पार्टी से जोड़ना वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का अपमान है। अपर्णा यादव ने कहा, “भारत के जितने भी वैज्ञानिक और डॉक्टर्स हैं, उनकी शोध को मैं किसी पार्टी से लिंक अप नहीं करना चाहती हूं। इसपर बहुत ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। कोविड वैक्सीन पूरे विश्व के लिए है। भारत ने इसमें एक विजेता और महानायक के रूप में अपना स्थान बनाया है। मुझे नहीं लगता कि इसमें बीजेपी को या किसी पार्टी के लोगों को इसका श्रेय देना चाहिए। इसपर ऐसा नहीं कहना चाहिए। ये उचित नहीं है। ये किसी पार्टी विशेष का नहीं है। कोई भी रिजीम होती, उसे लगवाना ही पड़ता तो मुझे लगता है कि ऐसी बात बोलकर ये भारत के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक लोगों की बेइज्जती करने जैसा है।”

बता दें कि अखिलेश यादव ने बीते दिनों बयान दिया था कि उन्हें कोरोना वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि वो भाजपा की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन अभी नहीं लगवाऊंगा, क्योंकि मुझे बीजेपी पर भरोसा नहीं है। अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो सरकार ताली और थाली बजवा रही थी, वो वैक्सीनेशन के लिए इतनी बड़ी चेन क्यों बनवा रही है। ताली और थाली से ही कोरोना को भगवा दें ना।

उन्होंने कहा, “मैं अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा। मैं बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकता हूं। जब हमारी सरकार बनेगी तो सभी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी। हम बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं।” अखिलेश यादव ने कहा कि देश मे कोरोना वायरस का संक्रमण कहीं पर भी नहीं है। भाजपा ने तो सिर्फ विपक्ष को डराने के लिए इसका भय फैलाया है। उन्होंने कहा कि मैं तो बिना मास्क के सबके साथ बैठा हूं। उन्होंने मीडिया से कहा कि आप सब लोग ही बता दो कोरोना कहां है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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