प्रादेशिक
नोएडा के टॉय पार्क में 410 करोड़ रुपए का होगा निवेश, 6157 लोगों को मिलेगा रोजगार
लखनऊ। अब वह दिन दूर नहीं जब देश में छोटे बच्चे चीन के खिलौने के बजाए नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में बनाए गए खिलौनों से खेलेंगे। देश के तमाम बड़े उद्योगपतियों द्वारा नोएडा में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने की पहल करने से यह बदलाव होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना (टॉय) उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नोएडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क का निर्माण करवाया है। इस टॉय पार्क में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 134 उद्योगपतियों ने भूखंड लिया है। ये 134 उद्योगपति 410.13 करोड़ रुपए का निवेश कर जल्दी ही टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करेंगे। इन खिलौना फैक्ट्रियों में 6157 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा।
गौरतलब है कि बीते वर्ष मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना कारोबार में दुनिया में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का आहवान किया था। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने खिलौना कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए। इसी क्रम में यूपी का पहला पहला खिलौना क्लस्टर (टॉय पार्क ) यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद यीडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क के लिए सौ एकड़ से अधिक जमीन खिलौना उत्पादन करने वाली इकाईयां के लिए चिन्हित की गई। इस पार्क में उद्योगपतियों को अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया गया। यीडा के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार कराई गई इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते खिलौना कारोबार में कार्यरत कई बड़ी कंपनियों ने टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। अब तक 134 कंपनियों को टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई है। जमीन पाने वाली कंपनियां जल्दी ही टॉय पार्क में फैक्ट्री लगाने की कार्रवाई शुरू करेंगी। टॉय पार्क में जमीन लेने वाली देश की प्रमुख कंपनियों में फन जू टॉयज इंडिया, फन राइड टॉयस एलएलपी, सुपर शूज, आयुष टॉय मार्केटिंग, सनलार्ड अप्पारेल्स, भारत प्लास्टिक, जय श्री कृष्णा, गणपति क्रिएशन और आरआरएस ट्रेडर्स प्रमुख हैं।
देश में बच्चों के खिलौने बनाने वाली बड़ी कंपनियों में फन जू टॉयस इंडिया और फन राइड टॉयस जैसी तमाम कंपनियों का नोएडा में फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन लेने को यीडा के अधिकारी महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी ये कंपनियां चीनी में बने खिलौनों की मार्केट को चुनौती देंगी। अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा इकाइयां हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत आने वाली इन इकाइयों में से 90 फीसद असंगठित हैं। यही इनकी तथा देश की सबसे बड़ी कमजोरी है। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2024 तक भारत का खिलौना उद्योग 147-221 अरब रुपये का हो जाएगा। दुनियाभर में जहां खिलौने की मांग में हर साल औसत करीब पांच फीसद का इजाफा हो रहा है, वहीं भारत की मांग में 10-15 प्रतिशत का। निर्यात की बात करें तो सिर्फ 18-20 अरब रुपये के खिलौने का निर्यात हो पाता है। भारत में जहां खिलौना निर्माता असंगठित हैं, वहीं खिलौने की गुणवत्ता भी बड़ी चुनौती है। निर्माण में लागत ज्यादा होने की वजह से भारतीय खिलौने अपने ही बाजार में आयातित खिलौने से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते। ऐसे में जरूरी था कि खिलौने की लागत कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएं। इसके तहत ही राज्य में टॉय पार्क बनवाया गया है।
नोएडा में बन रहे टॉय पार्क के चलते अब इन आंकड़ों में बदलाव होना तय है क्योंकि अब आधुनिक तकनीक के जरिए देश में खिलौने बनाने की फैक्ट्रियां लगेंगे। यह खिलौने चीन से बने खुलौनों से सस्ते और टिकाऊ होंगे। चीन के खिलौने मंहगे और जल्दी खराब होते है। इसलिए अब यह माना जा है कि नोयडा में खिलौनों का निर्माण शुरू होने के बाद से चीन में बने खिलौनों की मांग उसी तरह से घटेगी। ऐसी संभावना व्यक्त करने वाले लोगों का कहना है कि अब दीपावली में चीन की बनी झालरों और गणेश लक्ष्मी की मूतियों की मांग घट गई है क्योंकि अब देश में तमाम कंपनियां सस्ती और टिकाऊ झालरें बनाने लगें है। गणेश लक्ष्मी की मूतियाँ भी अब बड़ी संख्या में लोग बनाने लगें हैं। इसे देखते हुए ही अब कहा जा रहा है कि खिलौनों के मोर्चे पर आत्मनिर्भरता और उनके आयात पर व्यय हो रही विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए प्रदेश सरकार की पहल खिलौना उद्योग को मजबूती प्रदान करेगी और जल्दी ही नोयडा में बने खिलौने चीन में बने खिलौनों को चुनौती देंगे।
उत्तर प्रदेश
सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत
नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।
मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत
कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।
बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।
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