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प्रादेशिक

योगी सरकार ने कसा भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा, ईओडब्ल्यू के इतिहास में पहली बार हुए ऐसे काम

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मुहिम परवान चढ़ गई है। यूपी पुलिस भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोपियों को देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी तलाश रही है। ईओडब्ल्यू के इतिहास में पहली बार 16 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस और बाइक बोट घोटाले के एक आरोपी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया है और इनकी गिरफ्तारी के लिए तेजी से प्रयास हो रहे हैं। पहली बार धान खरीद में लंदन में गिरफ्तार आरोपी के प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई है।

प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही में पिछली सरकार की तुलना में कई गुना तेज कार्यवाही की गई है। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार और अनियमितता के करीब साढ़े छह सौ विवेचनाओं को निस्तारित किया गया है। इसमें ईओडब्ल्यू के इतिहास में पहली बार वर्ष 2017 में 74, 2018 में 175, 2019 में 239, 2020 में कोरोना काल के बावजूद 100 और 2021 में जून तक 52 मामलों का निस्तारण किया गया है।

इस दौरान ईओडब्ल्यू की जांच में सरकारी और गैर सरकारी 352 भ्रष्टाचारियों की पुष्टि हुई है। इसमें 175 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी, निजी संस्थाओं के 177 आरोपी भ्रष्ट मिले हैं, जिनमें 45 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही भ्रष्टाचार, गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय अनियमितताओं के दोषी दो अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने के लिए संस्तुति शासन को भी भेजी गई है।

371 आरोपियों के खिलाफ कानून कार्यवाही की स्वीकृति

गृह विभाग के अनुसार शासन की ओर से सवा चार साल में करीब साढ़े सात सौ मामलों की जांच ईओडब्ल्यू को दी गई है और 371 आरोपियों के खिलाफ कानून कार्यवाही की स्वीकृति भी दी गई है। सीएम योगी के निर्देश पर ईओडब्ल्यू की जांच में और तेजी लाने के लिए लखनऊ, कानपुर, मेरठ और वाराणसी में अलग से थाने खोले गए हैं और अब इन थानों में ही मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से दो नए भवन बनाने के लिए करीब सवा तीन करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं और जल्द निर्माण शुरू होने वाला है।

बाइक बोट घोटाले के आरोपी बिजेंद्र हुड्डा की जड़ें खंगाली जा रहीं

ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि जिन 16 आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है, उनमें से तीन आरोपियों को विभिन्न एयरपोर्ट पर रोका गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की गई। बाइक बोट घोटाले के आरोपी बिजेंद्र हुड्डा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने सीबीआई से समन्वय कर रेड कार्नर नोटिस जारी किया है और अब उसकी जड़ें खंगाली जा रही हैं। बुश फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों द्वारा एक करोड़ 76 लाख की धान खरीद में आरोपी वीर करन अवस्थी और रितिका अवस्थी के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम (यूके) से प्रत्यर्पण की कार्यवाही कराई गई और आरोपियों को लंदन में गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को लाने के लिए यूके के कोर्ट में मामला विचाराधीन है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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