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प्रादेशिक

योगी सरकार ने डॉक्‍टरों को दी बड़ी सौगात, अब सीधे ग्रेड-2 पर हो सकेगी भर्ती

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लखनऊ। पिछली सरकारों में लचर पड़ी चिकित्‍सा सुविधा को योगी सरकार ने बूस्‍टर डोज दी है। नए मेडिकल कॉलेजों के शुरूआत के साथ अस्‍पतालों के लिए विशेषज्ञ डॉक्‍टरों की भर्ती की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। प्रदेशवासियों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं देने के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विशेषज्ञ डॉक्‍टरों की नियुक्ति के लिए नियमावली प्रक्रिया में संशोधन किया।

ज‍िसके तहत उप्र चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य नियमावली 2020 नामक एक संशोधित सेवा नियमावली का गठन किया। इस नियमावली के तहत 15 विशेषज्ञों में कुल 8431 विशेषज्ञ चिकित्‍सकों के लक्ष्‍यानुसार सीधे ग्रेड टू पर भर्ती की प्रक्रिया की जा सकेगी।

हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्‍तर प्रदेश को देश में सिरमौर बनाने में जुटे सीएम योगी के इस क्रांतिकारी प्रयास से अब चिकित्‍सा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग द्वारा उप्र लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी के जरिए से विशेषज्ञ चिकित्‍सकों की लक्षित तरीके से सीधी भर्ती किए जाने की व्‍यवस्‍था है। इस नियमावली में इस बात का विशेष ध्‍यान रखा गया है कि चिकित्‍सकों के हित सुरक्षित रहें साथ ही पदोन्‍नति के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएं।

यूपी के इतिहास में पहली बार एक साथ हुई चिकित्‍सकों की सीधी भर्ती

यूपी के इतिहास यह पहली बार है, जब विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती हुई है और शायद पूरे देश में भी ऐसा पहली बार हुआ है जब 1000 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक ही भर्ती प्रक्रिया के तहत इतने बड़े पैमाने पर एक मुश्त भर्ती हुई है। विभाग की ओर से 400 विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए पारदर्शी परामर्श-सत्र आयोजित किया गया। जिसमें उन्हें अपनी स्वेच्छा से स्वयं अपना तैनाती स्थान का विकल्प चुनने का अवसर प्रदान किया गया। नवम्बर में आयोजित इस सत्र में 300 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग करके अपने तैनाती स्थान का चयन किया गया।

स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिए योगी सरकार लाई स्‍वर्णिम युग

पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार का कार्यकाल स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिए स्‍वर्णिम युग लेकर आई है। 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में साल 2017 से पहले जहां महज 12 मेडिकल कॉलेज थे वहीं योगी सरकार द्वारा सत्‍ता की कमान संभालने के बाद यूपी में तेजी से चिकित्‍सीय सुविधाओं में विस्‍तार किया गया।

प्रदेश सरकार ‘वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज’ के साथ प्रत्येक जनपद को चिकित्‍सीय सुविधाओं से लैस करने में जुटी है। नौ नए मेडिकल कॉलेज के साथ 16 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। साल 2022-2023 तक 14 नए मेडिकल कॉलेज से यूपी लैस होगा वहीं 16 पीपीपी मॉडल, दो एम्‍स, एक बीएचयू, एक एएमयू के अलावा 30 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से प्रदेश की चिकित्‍सीय सेवाओं को पंख लग रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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