प्रादेशिक
सीएम योगी ने इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स की वार्षिक आम बैठक को वर्चुअल माध्यम से किया संबोधित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इण्डियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आई0सी0सी0) की वार्षिक आम बैठक को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश में लगभग 25 करोड़ आबादी निवास करती है। प्रदेश का विकास आजादी के बाद जिस तेजी से आगे बढ़ना चाहिए था। कमोबेश कहीं न कहीं उसका अभाव दिखायी दिया। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी राष्ट्रव्यापी और विश्वव्यापी सोच ने बदलते हुए भारत की नई तस्वीर प्रस्तुत की। बदलते हुए नए भारत व नए उत्तर प्रदेश को भी देश व प्रदेशवासियों ने महसूस किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विकास की प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाते हुए एक नई अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। विगत 05 वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने अपने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर प्रत्येक क्षेत्र में विकास का कार्य किया है। प्रदेश में रोजगार की दृष्टि से निवेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट सहित विकास के प्रत्येक क्षेत्र में रिफॉर्म को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की कानून-व्यवस्था देश के लिए नजीर बनी है। राज्य सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था के लिए प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बनाया गया। प्रदेश में नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। साथ ही, बेहतर ट्रेनिंग की भी व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अच्छी छलांग लगायी है। वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में 14वें स्थान पर था। आज दूसरे स्थान पर आ गया है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2015-16 में छठी अर्थव्यवस्था मानी जाती थी। आज राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ी है। किसानों के हितों के अनुकूल विभिन्न कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिससे उनके जीवन में परिवर्तन देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में 05 वर्ष पूर्व बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी। आज प्रदेश में बरोजगारी की दर घटकर 04 प्रतिशत पर आ गयी है। पूर्व में प्रदेश को देश के विकास में बाधक माना जाता था। प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र में विकास की गति से हुए परिवर्तन के कारण आज देश में प्रदेश को विकास में अग्रणी माना जाता है। वर्ष 2017 से पूर्व केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में प्रदेश 30 से 36वें स्थान पर था। आज उत्तर प्रदेश केन्द्र सरकार द्वारा संचालित 44 योजनाओं में नम्बर एक स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। प्रदेश में सरकार द्वारा विगत 05 वर्षों में 33 नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 17 मेडिकल कॉलेजों में विगत 02 वर्षों के दौरान प्रवेश प्रक्रिया को प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक केवल 02 एक्सप्रेस-वे बन पाए थे। आज प्रदेश 05 नए एक्सप्रेस-वे के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे व दिल्ली मेरठ लिंक एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किया है। बुन्देलखण्ड एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर तेजी से कार्य चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 96 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है, यह देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वेज में से एक होगा। प्रदेश सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से अगले महीने करवाने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 2017 के बीच राज्य में मात्र 04 क्रियाशील एयरपोर्ट थे, वर्तमान में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। साथ ही 11 अन्य एयरपोर्ट के विकास पर तेजी से कार्य चल रहा है। प्रदेश में अगले 03 से 04 वर्षों में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएंगे। प्रधानमंत्री जी ने कल एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है। उन्होंने कहा कि जेवर के किसानों से दोगुने दाम पर जमीन लेकर एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट को विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। प्रदेश के परम्परागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ का संचालन किया जा रहा है। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के अलग-अलग क्लस्टर उद्योगों के लिए बैकबोन का कार्य करते हैं। राज्य पहले से ही एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में समृद्ध रहा है। लेकिन अपेक्षित ध्यान न दिये जाने के कारण एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र के कारीगर एवं शिल्पी पलायन करने को मजबूर थे। वर्तमान प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद योजना के माध्यम से इन शिल्पियों को प्रोत्साहन दिया। एम0एस0एम0ई0 के कारण उत्तर प्रदेश आज देश में निर्यात के नए हब के रूप में विकसित हुआ है। वर्ष 2019-20 में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर ने प्रदेश में 01 लाख 31 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में निवेशक निवेश करने से डरते थे। वर्ष 2018 में राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का सफलतम आयोजन किया गया। इस समिट की अभूतपूर्व सफलता के फलस्वरूप विभिन्न सेक्टरों में प्रदेश को 4.68 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसमें से 43 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। इसमें विभिन्न एम0ओ0यू0 के माध्यम से निवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए लगभग 03 लाख करोड़ रुपए के निवेश पर कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयागराज से हल्दिया बंदरगाह तक भारत के प्रथम अन्तर्देशीय जलमार्ग का विकास किया जा रहा है। बुनियादी ढांचे को और दृढ़ता प्रदान करने के लिए ग्रेटर नोएडा एवं वाराणसी में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब भी विकसित किये जा रहे हैं। प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास निवेश के लिए पर्याप्त मात्रा में लैण्डबैंक हैं। प्रधानमंत्री जी ने सितम्बर, 2021 में अलीगढ़ नोड की लगभग 12,000 करोड़ रुपए के कार्यों का शुभारम्भ किया। प्रधानमंत्री जी ने 21 नवम्बर, 2021 को डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में 183 हेक्टेयर भूमि में भारत डायनमिक्स की एक यूनिट का शिलान्यास किया। लखनऊ नोड में बैलेस्टिक मिसाइल के निर्माण के लिए लगभग 200 एकड़ की भूमि उपलब्ध करायी गई है। प्रदेश में आ रहे निवेश प्रस्तावों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कोरोना काल खण्ड में बड़ा निवेश प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की। इस कालखण्ड में जीवन और जीविका को बचाते हुए लगभग 66,000 करोड़ रुपए के निवेश को जमीन पर उतारने में सफलता प्राप्त की गयी। इस निवेश में चीन से भी एक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिसके तहत देश की पहली डिस्प्ले यूनिट में प्रोडक्शन प्रारम्भ हो गया है। साथ ही, प्रदेश में डाटा सेन्टर पार्क के निर्माण का कार्य भी तीव्र गति से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्मार्ट सिटी मिशन में देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चयनित किया गया है। प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के निर्यात में आगे बढ़ा है। भारत की कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का लगभग 45 प्रतिशत उत्पादन प्रदेश में होता है। भारत के लगभग 55 प्रतिशत मोबाइल कम्पोनेन्ट्स के निर्माता के रूप में राज्य की पहचान है। इसके अतिरिक्त राज्य में बल्क ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक वेहिकल/बैटरी मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक वेहिकल चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रमुख सुधारों में भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विण्डो पोर्टल्स में से एक ‘निवेश मित्र’ का कार्यान्वयन है। इसके माध्यम से उद्यमियों को 340 से अधिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ‘निवेश मित्र’ नेशनल सिंगल विण्डो सिस्टम से एकीकृत किए जाने वाले पोर्टल्स में अग्रणी पोर्टल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग सेक्टरों में निवेश के लिए नीतियां बनी है, जिससे प्रदेश में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य में ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। दोनों फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के दादरी में है। यह लॉजिस्टिक्स सेक्टर में अनेक सभ्मावनाओं का द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 100 एकड़ में एक मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग पार्क का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, उन्नाव में देश का पहला मेगा लेदर पार्क, बरेली में मेगा फूड पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में टॉय पार्क, लॉजिस्टिक्स हब, हेरिटेज सिटी तथा फिल्म सिटी प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड के दौरान आई0सी0सी0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जीवन और जीविका को बचाने का अभियान के साथ मजबूती से खड़ा रहा। प्रदेश सरकार को भी आई0सी0सी0 से सकारात्मक सहयोग मिला। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इण्डियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के वार्षिक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के विकास की सम्भावनाओं के विषय में चर्चा की जाएगी। आई0सी0सी0 के सभी सदस्यगण प्रदेश के विकास में अपना योगदान देते हुए प्रदेश सरकार के सकारात्मक सहयोग का लाभ लेंगे। इस अवसर पर आई0सी0सी0 के अध्यक्ष श्री विकास अग्रवाल, आई0सी0सी0 के महानिदेशक राजीव सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन
लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।
इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन
यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।
ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु
कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।
किया गया है दायित्वों का निर्धारण
परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।
इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित
फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।
हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण
एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।
बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।
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