प्रादेशिक
05 करोड़ लोगों कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज देने वाला पहला राज्य बना यूपी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना के खिलाफ पूरी तरह से टीकाकरण करने वालों की संख्या पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। देश में यूपी पहला ऐसा प्रदेश है जहां पूरी तौर पर वैक्सीनेशन लेने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है। प्रदेश में तीन-चौथाई पात्र वयस्कों को कोविड -19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिली है, जबकि एक-तिहाई पात्र लोगों को अभी पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। आंकड़ों के अनुसार यूपी में 5 करोड़ से अधिक पात्र लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।
प्रदेश में वैक्सीन की कम से कम एक खुराक प्राप्त करने वाली 75 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी है, वहीं राज्य की 33 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी ने दोनों खुराक प्राप्त की हैं। 24 करोड़ की आबादी वाले यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार एक सधी रणनीति के तहत तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्ल्सटर रणनीति के अनुसार टीकाकरण किया जा रहा है। जिसके सफल परिणाम प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं।
प्रदेश में 16 करोड़ से अधिक लोगों का हुआ टीकाकरण
प्रदेश में 11 करोड़ 21 लाख पात्र लोगों को पहली डोज और 05 करोड़ एक लाख पात्र लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। अब तक प्रदेश में 16 करोड़ 22 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीकाकरण किया जा चुका है। सधी रणनीति के कारण आज यूपी में कम समय में कोरोना संक्रमण पर तेजी से लगाम लगाई है।
प्रदेश में बीते 24 घंटों में 1,26,055 टेस्ट किए गए जिसमें 12 नए संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई। अब तक यूपी में 8 करोड़ से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 100 से कम होकर 88 पहुंच गई है। बीते 24 घंटों में 09 संक्रमितों ने कोरोना को मात दी। इसके साथ ही प्रदेश का रिकवरी रेट अब 98.7 प्रतिशत पहुंच गया है।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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