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प्रादेशिक

अब गोरखपुर में लोगों को मिल सकेगी विश्व स्तरीय जांच की सुविधाः सीएम योगी

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गोरखपुर। गोरखपुर खाद कारखाना, एम्स और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष के लिए नामुमकिन रहे कार्यों को पीएम मोदी ने मुमकिन बनाया है। सीएम योगी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के हाथों तीन बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात पाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश अभिभूत और उद्वेलित होकर आनन्द का उत्सव मना रहा है। आज का यह कार्यक्रम उस सपने को साकार करने जैसा है जिसे विपक्ष ने नामुमकिन मान लिया था।

गोरखपुर के खाद कारखाना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दशकों तक पांच सरकारों ने बंद खाद कारखाना को चलाने की हामी भरकर भी इसे असंभव मान लिया था। पर “मोदी है तो मुमकिन है” के स्थापित सत्य के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस असम्भव को भी सम्भव और नामुमकिन को मुमकिन बना दिया है। सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर का खाद कारखाना 10 जून 1999 को बंद हो गया था। 1990 से लेकर 2014 तक 24 वर्षों में किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। 22 जुलाई 2016 को पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया तो आज इसका उद्घाटन भी उन्हीं के करकमलों से हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस खाद कारखाने की क्षमता पुराने कारखाने से चार गुना अधिक है।

इंसेफेलाइटिस से मौतों पर 40 सालों तक तमाशबीन रहीं सरकारें

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश को लेकर लगातार यही माना जाता था यह क्षेत्र बीमारू है। मलेरिया, कालाजार, इंसेफलाइटिस और अन्य विषाणु जनित रोगों से 40 सालों तक लगातार हजारों मौतें होती रही लेकिन केंद्र व राज्य सरकारें मौन धारण कर तमाशबीन बनी रहती थीं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के प्रति संवेदना और आत्मनिर्भरता के सपनों को सजाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की परिणति से एम्स का शिलान्यास भी उन्हीं के हाथों हुआ और लोकार्पण भी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ा है और आज वह 17 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सिनेशन से आच्छादित करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान पीएम मोदी के नेतृत्व में ही चलाया गया है। कोरोना प्रबंधन को लेकर पूरी दुनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोहा माना है।

खड़ी हो रही मेडिकल कॉलेजों की लंबी श्रृंखला

सीएम योगी ने कहा कि 2014 में पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिकित्सा के बड़े केंद्र के रूप में इकलौता गोरखपुर का मेडिकल कॉलेज था । आज यहां एम्स भी है और गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी, जिसका उद्घाटन इसी भूमि पर पीएम मोदी ने 2019 में किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की लंबी श्रृंखला खड़ी हो रही है। 20 17 तक प्रदेश के निजी व सरकारी क्षेत्र में मिलाकर सिर्फ 17 मेडिकल कॉलेज थे। आज 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा मिल गई है या उन पर काम चल रहा है। शेष बचे 16 जिलों के लिए भी युद्ध स्तर पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है उन्होंने बताया कि देवरिया, सिद्धार्थनगर, बस्ती, बहराइच, अयोध्या में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हो गया है जबकि कुशीनगर, बलरामपुर,गोंडा आदि जिलों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है।

अब गोरखपुर में ही विश्व स्तरीय जांच की सुविधा

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले गोरखपुर में इंसेफलाइटिस मरीजों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे भेजे जाते थे। जब तक जांच कंफर्म होती थी तब तक मरीज या तो मर जाता था या दिव्यांगता का शिकार हो जाता था। आज पीएम के हाथों मिले आरएमआरसी की सौगात से गोरखपुर में ही विश्वस्तरीय जांच की सुविधा उपलब्ध हो गई है। कोरोना, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, डेंगू जैसे वेक्टर डिजीज की जांच की सुविधा अब यही मिलने लगेगी।

आज मिली परियोजनाओं की सौगात आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर

सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव और चौरीचौरा शताब्दी महोत्सव के अवसर पर पीएम के हाथों मिली इन बड़ी परियोजनाओं की सौगात आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर है। इसे प्रस्तुत करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं।

सामरोह में इनकी रही प्रमुख सहभागिता

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतन्त्र देव सिंह, राज्य सरकार के मंत्रीगण सूर्य प्रताप शाही, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, जयप्रताप सिंह, डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी, जयप्रकाश निषाद, उपेंद्र तिवारी,श्रीराम चौहान, आनंद स्वरूप शुक्ल, राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ल, बृजलाल, जयप्रकाश निषाद, सांसद रविकिशन शुक्ल, कमलेश पासवान, रमापति राम त्रिपाठी, जगदम्बिका पाल, हरीश द्विवेदी, विजय दूबे, रविंद्र कुशवाहा, प्रवीण निषाद, महापौर सीताराम जायसवाल, विधायकगण डॉ राधामोहन दास अग्रवाल, फतेह बहादुर सिंह, महेंद्रपाल सिंह, बिपिन सिंह, संत प्रसाद, संगीता यादव, शीतल पांडेय समेत आसपास के जिलों के कई विधायक, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह आदि।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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