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प्रादेशिक

श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य निर्माण के बाद अब तेजी से चल रही लोकार्पण की तैयारी

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वाराणसी। अंतरराष्ट्रीय फलक पर काशी की तस्वीर नए रूप में दिखेगी। श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य निर्माण के बाद अब लोकार्पण की तैयारी जोरों पर हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना पर प्रशासन तेजी से काशी को संवारने का काम कर रहा है।

साथ ही काशीवासी भी अपने मेहमानों के स्वागत के लिए देवालयों कुंडों, गंगा घाट आदि की सफाई में जुट गए हैं और पूरे शहर को रोशनी से सजाया जा रहा है। लोकार्पण के बाद काशी विश्वनाथ का प्रसाद घर-घर पहुंचाया जाएगा।

प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम अब पूर्णता की तरफ है। प्रधानमंत्री 13 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र में आएंगे और श्री विश्वनाथ धाम जनता को समर्पित करेंगे। इसके लोकार्पण को यादगार बनाने के लिए योगी सरकार जुटी है ताकि बदलते भारत की नई तस्वीर पूरी दुनिया देख सके।
वाराणसी के मंडलायुक्त व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने बताया कि यह ऐतिहासिक पल है। सैकड़ों साल बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार हो रहा है। भव्य लोकार्पण की तैयारी की जा रही है, ताकि देश और विश्व भर के लोग इस पल के साक्षी बनें और अपनी आने वाली पीढ़ियों को श्री काशी विश्वनाथ के जीर्णोद्धार के काम की सफलता के बारे में बता सकें। लोग सैकड़ों सालों तक इसे याद रखेंगे।

मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष ने बताया कि लोकार्पण के लिए शहर में साफ़-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है। गंगा के घाटों और कुंडों की सफाई और साज-सज्जा किया जा रहा है। गंगा के दोनों किनारे क़रीब 11 लाख दीप रोशनी बिखेरेंगे। सरकारी भवनों को भी रोशनी से सजाया जा रहा है। मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है। भजन संध्या का आयोजन हो रहा है।

लोगों से अपने घरों पर लाइटिंग करने और लोकार्पण के दिन दीपों को जलाने की अपील की गई है। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान को क्रमशः 51, 21 और 11 हज़ार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। हर वार्ड में मंडली ने सुबह कीर्तन भजन शुरू कर दिया है। लोकार्पण के बाद काशी के हर घर में 13 से 16 दिसम्बर के बीच श्री काशी विश्वनाथ न्यास की तरफ से बाबा का प्रसाद और पुस्तिका भी वितरित की जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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