Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

वाराणसी में 50 बेड का मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनकर तैयार, पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

Published

on

Loading

वाराणसी। वाराणसी में एक छत के नीचे तीन चिकित्सा पद्धति वाला अस्पताल बन कर तैयार हो गया है।  मोदी -योगी की सरकार आयुर्वेद ,यूनानी ,होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति ,योग और प्राकृतिक चिकित्सा से लोगों को निरोग रखेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निगरानी में 50 बेड का एकीकृत आयुष चिकित्सालय ग्राम भदरासी विकास खंड आराजीलाइन  में बन कर  तैयार हो गया है।   इस अस्पताल का निर्माण ऐसी जगह किया गया है, जिससे चंदौली ,मिर्ज़ापुर ,भदोही और वाराणसी समेत चार जिलों  के लोगों को स्वास्थ सुविधा  का लाभ  मिल सके । अस्पताल में ही हर्बल गार्डन भी होगा जिससे औषधियां बनाई जाएंगी। लगभग 9 करोड़ की लागत से बने इस अस्पताल का उद्धघाटन  प्रधानमंत्री वाराणसी के 23  दिसंबर के प्रस्तावित दौरे में करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक छत के नीचे तीन चिकित्सा पद्दति से इलाज़ करने वाला अस्पताल बन कर तैयार हो गया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी भावना द्विवेदी ने बताया कि भद्रासी में बनकर तैयार 50 बेड के एकीकृत आयुष चिकित्सालय   में आयुर्वेद ,यूनानी ,होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से इलाज़ होगा  साथ ही योग सी भी निरोग रहना  सिखाया जाएगा। इस अस्पताल का निर्माण राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत कराया गया है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी  ने बताया कि भद्रासी में बनकर तैयार  इस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में मरीजों को आउटडोर के साथ ही इनडोर की चिकित्सा सुविधाएं भी मिलेंगी। अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सकों के अलावा अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का उपचार करेंगे। अस्पताल में सामान्य रोगों के साथ ही गठिया, पाइल्स, सर्वाइकल, शुगर, नेत्र आदि  रोगों  के उपचार की भी व्यवस्था है । इस आयुर्वेदिक अस्पताल में क्षार सूत्र एवं पंचकर्म विधि से भी उपचार की व्यवस्था होगी।

अस्पताल परिसर में  योग  के लिए  भी जग़ह  है। यहां तैनात होने वाले योग प्रशिक्षक लोगों को योग के जरिए निरोग रहने का हुनर सिखाएंगे। साथ ही कुछ रोगों का उपचार योग के जरिए भी किया जाएगा। अस्पताल परिसर की खाली जमीन पर हर्बल गार्डन बनाने की भी योजना है। यहां जड़ी-बूटियों के पौधे लगाये जाएंगे जो मरीजों के उपचार में तो काम आएंगे  ही अस्पताल के वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में सहयोग करेंगे । इस अस्पताल में करीब 75 लोगों को प्रत्यक्ष और हज़ारों लोगो को अप्रत्यक्ष  रूप से रोजगार भी मिलेगा। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी भावना द्विवेदी ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन और यूपी राज्य आयुष सोसाइटी मिलकर बना रही है। इसकी लागत 9 करोड़ है।जिसमे 6.41 करोड़ में सिविल वर्क हुआ है , शेष राशि में अस्पताल के उपकरण बेड आदि के साथ अन्य  काम हुए है  जिसमें 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशी राज्य सरकार खर्च की है। ये अस्पताल ग्राउंड प्लस दो मंजिल का अस्पताल है। जहां दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा है।

Continue Reading

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending