प्रादेशिक
03 दिवसीय काशी महोत्सव आज से शुरू, देश के मशहूर फिल्मी कलाकार लेंगे हिस्सा
लखनऊ। उत्तर भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में पहचानी जानी वाली काशी नगरी में पहली बार होने वाला काशी फिल्म महोत्सव दुनिया में अपनी पहचान बनाने जा रहा है। भगवान शिव की नगरी में 27 से 29 दिसम्बर तक होने वाले इस 03 दिवसीय आयोजन में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य के दर्शन तो होंगे ही साथ में यहां रहकर देश में विख्यात हुए दार्शनिक कवि, लेखक, संगीतज्ञों और बनारस घराने की यादें भी ताजा होंगी। मंदिरों के शहर में हंसी से गुदगुदाने के लिए महशूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव भी मौजूद रहेंगे तो शाम को यादगार बनाने के लिए ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की प्रस्तुतियां भी दर्शकों के लिए यादगार बन जाएंगी।
भगवान शिव की नगरी में फिल्म बंधु, उत्तर प्रदेश सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से पहली बार काशी फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। दीपों के शहर के रूप में विख्यात काशी नगरी में 27 दिसम्बर को शाम 04 बजे महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, प्रोटोकॉल राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा करेंगे। इस दौरान वाराणसी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में मनोज जोशी की प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र बनेगी। शाम छह बजे से डॉ. सम्पूर्णानन्द स्पोट्स स्टेडियम, सिगरा में हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव और गायक कैलाश खेर के लाइव शो शाम को खुशनुमा बना देंगे।
ज्ञान नगरी के रूप में भी मशहूर वाराणसी में 28 दिसम्बर को होने वाले काशी फिल्म महोत्सव के मुख्य अतिथि भारत सरकार के केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर रहेंगे। इस दौरान 10:30 बजे से 12 बजे तक “वाराणसी- एक सांस्कृतिक, पौराणिक और एतिहासिक विरासत से एक आधुनिक शहर की यात्रा” विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन होगा। दूसरी पैनल की चर्चा का विषय ‘संगीत और गीत-बनारस की विरासत’ पर होगी जिसका समय दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 02 बजे तक रहेगा। शाम 04 बजे समापन समारोह के साथ ही सब्सीडी का वितरण होगा। गुरुवार की शाम मशहूर फिल्म अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी के नाम रहेगी। इस दौरान उनकी ओर से पेश की जाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति सबका दिल मोह लेगी। यह कार्यक्रम वाराणसी के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में ही होंगे। 29 दिसम्बर को “फिल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उत्तर प्रदेश और क्षेत्रीय सिनेमा की संभावनाएं” विषय पर पैनल चर्चा आयोजित होगी। और इस दिन की शाम गायक रवि त्रिपाठी, अभिनेता रवि किशन की पेशकश के रूप में पहली बार काशी में हो रहे फिल्म महोत्सव को यादगार बना देगी।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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