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प्रादेशिक

यूपी मे गुंडाराज अब इतिहास का हिस्सा: केशव प्रसाद मौर्य

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लखनऊ। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा ने गरीब की नहीं एक जाति और तुष्टिकरण की राजनीति की । चुनाव करीब आने पर चुनावी हिन्दू बन गये हैं, लेकिन तारीफ जिन्ना की करते हैं जो देश के बंटवारे का जिम्मेदार है। जबकि कल्याण सिंह ने 6 दिसम्बर 92 को मुख्यमंत्री की अपनी कुर्सी रामलला के चरणों में चढ़ा दी थी।

उन्होंने कहा कि यूपी से गुंडाराज अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। अब कोई गुंडा-माफिया किसी की जमीन, दुकान या मकान पर कब्जा नहीं कर सकता है। गुंडों की जमीन पर गरीबों के मकान बनाने की शुरुआत प्रयागराज से हो चुकी है । गुंडों की राजनीति करने वालों को या तो राजनीति छोड़नी पड़ेगी या सन्यास लेना पड़ेगा।

डिप्टी सीएम मौर्या, सोमवार को बदायूं में जन विश्वास यात्रा को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि सपा का इत्र बनाने वाले के घर से 280 करोड़ रुपये केवल एक तहखाने से मिल रहा है । ऐसी भ्रष्ट सपा को सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इनको भ्रष्टाचार का सपना भी न आये।

सपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए मौर्या ने कहा कि शत्रु के मरने पर अंतिम विदाई दी जाती है, लेकिन वोट बैंक के नाराजगी के भय से सपा ने यह शिष्टाचार भी नहीं निभाया। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सपा ने कांवर यात्रा में शिवभक्तों पर लाठी चलवायी। ऐसी तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सपा को सजा मिलनी चाहिए।

जबकि भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना से हिन्दू-मुसलमान मे भेद किये बिना सबको अनाज, किसान सम्मान निधि दे रही है। उन्होंने कहा मुंगेरीलाल की तरह सत्ता का सपना देख रही सपा का 2022 के चुनाव में भी सूपड़ा साफ होगा और भाजपा 300 से अधिक सीटें जीतकर दोबारा सरकार बनाएगी।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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