लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायाधीश आयशा मलिक पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बन सकती हैं। एक उच्चाधिकार समिति द्वारा उनकी पदोन्नति को मंजूरी दिए जाने के बाद पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश की नियुक्ति के करीब पहुंच गया।
जानकारी के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता में पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने न्यायमूर्ति मलिक की पदोन्नति को चार के मुकाबले पांच मतों के बहुमत से मंजूरी दे दी। जेसीपी द्वारा मंजूरी के बाद उनके नाम पर संसदीय समिति द्वारा विचार किया जाएगा जो अमूमन जेसीपी की सिफारिश के खिलाफ नहीं जाती है।
न्यायमूर्ति मालिक की पदोन्नति के लिए ये दूसरी बार बैठक की गई है। न्यायमूर्ति मलिक का नाम पहली बार पिछले साल नौ सितंबर को जेसीपी के सामने आया था। तब उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में मलिक के वरिष्ठता क्रम को लेकर उनकी उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति का विरोध हुआ था।