मुख्य समाचार
एमआरएनए वैक्सीन की तीन डोज डेल्टा-ओमिक्रॉन वैरिएंट पर ज्यादा असरदारः स्टडी
नई दिल्ली। फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना, एमआरएनए कोविड-19 टीकों की तीन खुराक ओमिक्रॉन और डेल्टा से जुड़ी जटिलताओं में बहुत प्रभावी है। एक नए स्टडी से यह जानकारी सामने आई है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अध्ययन में पाया गया कि एमआरएनए कोविड टीकों के बूस्टर डोज ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में 82 प्रतिशत प्रभावी हैं।
यह भी पाया गया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने से बचाने के लिए बूस्टर शॉट 90 प्रतिशत प्रभावी हैं। इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता शॉन ग्रैनिस ने कहा, हमारे निष्कर्ष महत्वपूर्ण सबूत प्रदान करते हैं कि बूस्टर शॉट अत्यधिक प्रभावी होते हैं और जो लोग टीकाकरण नहीं करवाते हैं उन्हें अधिक गंभीर कोविड -19 परिणामों का अनुभव करने का काफी अधिक जोखिम होता है और उन्हें जल्द से जल्द टीका लगाया जाना चाहिए।
कोविड के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर और भी अधिक प्रभावी हैं, दोनों कोविड डेल्टा वेरिएंट से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने के 94 प्रतिशत के खिलाफ सुरक्षा करते हैं।सीडीसी ने छह अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ सहयोग किया ताकि कोविड वैक्सीन प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक विजन नेटवर्क तैयार किया जा सके।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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