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मुख्य समाचार

सीएम योगी ने सपा पर कसा तंज, बोले-स्वयं को समाजवादी कहने वालों के नस-नस में दौड़ रहा तमंचावाद

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नई दिल्ली। जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं। सत्ता और विपक्ष में सोशल मीडिया पर भी जंग छिड़ी गई है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ताबड़तोड़ ट्वीट कर विपक्ष पर करारा हमला किया है। सोशल मीडिया के जरिये विपक्ष पर करारा प्रहार किया। जनता की तरफ से दिए गए चुनाव परिणाम को संदर्भित करते हुए विपक्षी दलों के नेताओं को कटघरे में खड़ा करते हुए मूख्यमंत्री ने अपने एक ट्वीट लिखा है कि “जनता ने 2017 में भ्रष्टाचारियों को चुना नहीं, हमनें विगत पांच वर्षों के दौरान भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं। 10 मार्च 2022 के बाद भी फिर से यही होगा।”

मुख्यमंत्री का यह ट्वीट पांच साल पहले की सपा सरकार के कार्यकाल को याद दिलाने वाला माना जा रहा है। मालूम हो कि सपा का पिछला कार्यकाल अराजकता का पर्याय था। सपा की तुष्टीकरण की राष्ट्रघाती राजनीति, अतीक अहमद, मूख्तार अंसारी जैसे माफियाओं को संरक्षण देने, आतंकियों की पैरवी, गायत्री प्रजापति एवं इंजीनियर यादव सिंह की रहनुमाई और कैराना समेत 1500 से अधिक दंगों को लेकर भाजपा लगातार सपा पर हमलावर है। मूख्यमंत्री ने उसी क्रम को अपने इस ट्वीट के जरिए आगे बढ़ाया है।

जिनको पाकिस्तान और जिन्ना दोस्त लगते उनकी शिक्षा-दीक्षा और दृष्टि पर आता है तरस

सपा पर ही हमला बोलते हुए योगी ने एक और ट्वीट लिखा, “जिन्हें पाकिस्तान दुश्मन नहीं लगता, जिन्ना दोस्त लगता है। उनकी शिक्षा-दीक्षा और दृष्टि पर क्या ही कहा जाए। वे स्वयं को समाजवादी कहते हैं, लेकिन सत्य यही है कि इनके नस-नस में तमंचावाद दौड़ रहा है।”
मालूम हो कि शुरू के चरणों में पश्चिम उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं। सपा के पिछले शासन काल में इस पूरे क्षेत्र में अराजकता का बोलबाला था। कैराना के दंगे, मथुरा का जवाहर बाग कांड इसी क्षेत्र में हुआ था। लोग ख़ौफ के साए में जीने को मजबूर थे। इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था ही सबसे बड़ा मुद्दा रहा है। इस तरह के ट्वीट और बयानों के जरिए भाजपा सपा के दुखती रग पर हाथ रखने के साथ जनता को भी उस दौर का याद दिला रही है।

एक अन्य ट्वीट में भी सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए सवाल किया। उन्होंने लिखा, “करें न धरें, तरकस पहने फिरें.. पूरे विपक्ष का यही हाल है। सत्ता में रहे तो कुछ करा न धरा, अब चुनाव के समय सब तरकस पहने फिर रहे हैं।”

इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री ने समूचे विपक्ष से इस सवाल पर जवाब मांग लिया है कि पांच साल प्रदेश में उन्होंने किस तरह की भूमिका निभाई। डबल इंजन की सरकार के बेहतरीन तालमेल से हर क्षेत्र में रिकॉर्ड काम हुए। वैश्विक संकट कोरोना के दौरान जब पूरे विपक्ष का कहीं आता-पता नहीं था तब भी लोगों के जीवन और जिजीविषा के लिए सरकार पूरे दम-खम के साथ जनता के साथ खड़ी रही। ताबड़तोड़ लिखे गए सीएम के इन ट्वीटस को हजारों की संख्या ने लोगों ने पसंद किया है और उनके सवालों के साथ खुद को जोड़ा भी है।

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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