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भाजपा का अजेय गढ़ है वाराणसी का कैंट विधानसभा, तीन दशक से खिल रहा है कमल

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वाराणसी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की कैंट विधानसभा भाजपा का गढ़ है। कैंट विधानसभा पर तीन दशक से कमल खिल रहा है। 1991 से ये सीट बीजेपी के टिकट से एक ही परिवार के पास है। 30 सालों से मां-पिता और अब बेटा विधायक हैं। बीजेपी के लिए ये सीट अजेय मानी जाती है। कैंट विधानसभा मिश्रित आबादी वाला क्षेत्र माना जाता है। 2014 से क्षेत्र में विकास की बयार तेजी से बही है। 2017 विधानसभा में कांग्रेस और सपा गठबंधन दूसरे और बसपा तीसरे नंबर पर रही है।

कैंट विधानसभा क्षेत्र के मतदाता 1991 से 2017 तक लगातार एक परिवार के उम्मी दवार को जिताते रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सौरभ श्रीवास्तव ने कांग्रेस व सपा के गठबंधन प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव को 61,326 वोटों से हराकर जीत दर्ज़ की थी। कांग्रेस सपा गठबंधन प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव को 71,283 वोट मिले थे, जबकि तीसरे नंबर पर बीएसपी के रिजवान अहमद को 14,118 वोट मिले थे।

कैंट विधानसभा अधिकांश क्षेत्र शहरी है। विधानसभा में गंगा घाट का करीब आधा एरिया, बीएचयू और शहर के प्रमुख क्षेत्र आते हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी के वाराणसी से सांसद और पीएम बनने के बाद विकास के अनेकों कामों की शुरुआत इस विधानसभा में हुई। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो विकास के कामों की अड़चने दूर हुईं और रफ्तार तेज हुई। पूर्व की सरकारों में सालों से लंका सामने घाट से गंगा पार जाने वाले पुल का लटका हुआ काम पूरा हुआ।

जिससे रोज़ आने जाने वालों की राह आसान हुई है। देश में स्वच्छ भारत की शुरुआत करने वाला अस्सी क्षेत्र और घाटों की साफ़-सफ़ाई, चार लाख क्षमता का डेयरी प्लांट, रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर, क्षेत्रीय नेत्र संस्थान, बीएचयू में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, ट्रामा सेंटर, कैंसर अस्पताल होने से पूर्वांचल और अन्य प्रदेश के लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधा मजबूत हुई है। नगरीय जल सम्पूर्ति योजना जैसी कई योजनाओं ने लोगों का जीवन सुगम व सरल किया है। कैंट विधानसभा क्षेत्र में करीब 436897 मतदाता हैं, जिसमें हिंदू मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। कायस्थ मतदाता अधिक होने की वजह से बीजेपी के साथ ही कांग्रेस ने भी लगातार दो बार से कायस्थ उम्मीदवारों पर दांव लगाया था। हालांकि इस बार किसी भी मुख्य पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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