प्रादेशिक
बीजेपी की सरकार में नहीं हुआ दंगा, बेहतर हुई कानून व्यवस्था-सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त थी गुंडागर्दी चरम पर थी कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं थी। सपा के कार्यकाल में हर तीसरे दिन एक बड़ा दंगा होता था। लेकिन पिछले पांच सालों में बीजेपी की सरकार में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ। कानून व्यवस्था बेहतर हुई। ये बातें रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औरैया की बिधूना व दिबियापुर में आयोजित जनसभा में कहीं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था का परिणाम है कि आज यूपी में विकास और निवेश तेजी से बढ़ा है। उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन कुछ लोगों को विकास, रोजगार, सुरक्षा अच्छी नहीं लग रही है। सपा ने गरीबों के निवाले पर डकैती डाली, व्यापारियों का अपहरण किया, प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा किया।
उन्होंने कहा कि सपा विकास का विरोध करती थी करती रहेगी। पर हमें डर नहीं। हम किसी को छेड़ते नहीं हैं लेकिन अगर कोई भी गरीब, किसान, बेटी व व्यापारी को छेड़ने का प्रयास करेगा तो कहीं भी छुपा होगा तो उसको बाहर निकाल कर कार्रवाई करेंगे। आज कोरोना महामारी में सबको बिना भेदभाव फ्री वैक्सीन, टेस्ट, इलाज और डबल इंजन की सरकार महीने में दो बार फ्री में राशन देने का काम कर रही है। 2017 के पहले लोग भूख से मरते थे लेकिन हमारी सरकार ने राशन की डबल डोज, बिजली कनेक्शन के साथ ही औरैया में मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी कराया जा रहा है जिससे अब औरैया के लोगों को उपचार के लिए बाहर नहीं जाना होगा। उन्होंने कहा कि पहले ये विकास और गरीबों का पैसा इत्र वाले मित्र के घर जाता था। जिनके खिलाफ हमारी सरकार का बुलडोजर चला।
पहले चरण में जाति मजहब से ऊपर उठकर बीजेपी को समर्थन दिया-सीएम योगी
उन्होंने कहा कि पहले चरण के चुनाव में महिलाओं और बेटियों ने जाति मजहब से ऊपर उठकर बीजेपी को भारी समर्थन दिया है। समाज का हर तबका जो विकास सुशासन के मुद्दों पर अच्छा काम करने वाली बीजेपी को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन का विरोध किया वो लोग मानवता के खिलाफ थे। मारने वाले से बचाने वाला हमेशा बड़ा होता है। बीजेपी ने बिना भेदभाव सबको वैक्सीन देने का काम किया है। वहीं सपा ने अपने कार्यकाल में केवल 18 हजार गरीबों को मकान दिए पर हमारी सरकार ने यूपी के 43 लाख 50 हजार से अधिक गरीबों को मकान देने का काम किया है। इतना ही नहीं हमारी सरकार ने दो करोड़ 61 लाख शौचालय, नौ करोड़ गरीबों को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा और फ्री राशन देने का काम किया है। सपा में ये राशन चाचा भतीजा या उनके गुर्गे खा जाते थे वहीं बसपा के हाथी का पेट इतना बड़ा है कि उसके लिए तो पूरा प्रदेश भी कम पड़ जाता था।
जेसीबी बुलडोजर की हो रही मरम्मत सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि चुनाव के दौरान आचार संहिता के कारण व्यस्त हैं पर चुपचाप नहीं बैठे हैं। चुनाव से पहले मुझे पता था कि इन तीन माह में कुछ लोगों में टिकट की गर्मी आएगी। इसलिए आचार सहिंता से पहले मैंने प्रदेश की जेसीबी व बुलडोजर की मरम्मत कर ठीक करने को कहा था। क्यूंकि मई जून में बड़ी शीतलता मिलने वाली है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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