ऑफ़बीट
किचन में लम्बे समय से हैं ये चीज़ें तो फेकने की ना करें गलती, कभी नहीं होती हैं एक्सपायर
आज के समय में हम अपनी सेहत को लेकर अधिक सजग रहने लगे हैं। खासतौर से कोरोना के फैलने के बाद। ऐसे में किसी भी चीज को खरीदने से पहले हम उसके कमियां, खूबियां एवं मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करते हैं। वहीं अगर घर में भी हमें कोई ऐसी चीज दिखाई देती है, जो एक्सपायर हो चुकी है तो हम उसे बिना सोचे बाहर फेंक देते हैं।
लेकिन आपको बता दें कि बाजार में मौजूद कुछ खाद्य सामग्रियों में से ऐसी खाद्य सामग्री भी हैं, जिनका सेवन आप एक्सपायरी डेट के बाद भी कर सकते हैं। क्योंकि इनकी कोई एक्सपायरी डेट होती ही नहीं है और यह एक्सपायरी डेट के बाद भी इस्तेमाल में लिए जा सकते हैं। साथी ही इसके कोई नुकसान भी आपको नहीं होते। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में जो एक्सपायरी डेट के बाद इस्तेमाल की जा सकती है।
सोया सॉस
सोया सॉस का उपयोग बहुत से व्यंजनों के अंदर किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दशकों तक उपयोग में ली जा सकती है। परंतु केवल तभी ऐसा हो सकता है जब इस सॉस को बनाने में किसी तरह के एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव का उपयोग न किया गया हो। यही नहीं अगर सोया सॉस की बोतल खोल भी दी गई है, तो भी यह लंबे समय तक चल सकती है। इसके अलावा नमक के जरिए इसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाया भी जा सकता है।
कॉफी
कॉफी का उपयोग आप एक्सपायरी डेट के बाद भी कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इंस्टेंट कॉफी को प्री ब्रूड कॉफी के एक मिश्रण को सुखाकर ही तैयार की जाता है। इसके बाद इस कॉफी को गर्म हवा के जरिए एक पाउडर रूप में तैयार किया जाता है। इसके अलावा कई बार कॉफी को या तो सुखाया जाता है या वैक्यूम के जरिए फ्रीज किया जाता है। कॉफी को तैयार करने की इस प्रक्रिया से पता चलता है कि इसमें जरा भी मोस्चर नहीं है। यही कारण भी है कि एक्सपायर होने के बाद भी इसका सेवन किया जा सकता है।
शहद
शहद आज से नहीं बल्कि सदियों से इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री में से एक है। इसके गुण और पोषक तत्वों की वजह से इसका सेवन दुनियाभर में किया जाता है। साथ ही यह उन खाद्य सामग्रियों में भी शामिल है जिसका सेवन आप बिना एक्सपायरी डेट की चिंता किए कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि चीनी का यह विकल्प दशकों तक खाया जा सकता है। बस शर्त यह है कि यह किसी डिब्बे या बोतल में बंद करके रखा गया हो और इसमें किसी तरह की मिलावट न की गई हो।
आपको बता दें कि शहद इसलिए सालों तक चल सकता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा बेहद कम होती है। वहीं माइक्रोबियल को विकास हेतु पानी की आवश्यकता होती। यही कारण भी है जिसकी वजह से लिक्विड पेय पदार्थ या वह सामग्री जिनमें पानी का इस्तेमाल होता है। वह जल्दी एक्सपायर हो जाती है।
नमक
नमक एक ऐसी खाद्य सामग्री है जो कभी खराब नहीं होती। यही कारण भी है इसका उपयोग अचार, चटनी और ड्राई स्नैक्स को संरक्षित रखने में किया जाता है। हालांकि ऐसा केवल तब ही संभव है जब नमक को आयोडीन या अन्य एडिटिव के साथ मिलाया नहीं जाता।
क्योंकि जब ऐसा होता है तो नमक के प्राकृतिक गुण बदल सकते हैं। आप जानते ही होंगे कि नमक समुद्र के पानी के जरिए बनता है। इसलिए यह अपना असली स्वाद कभी नहीं होता। लेकिन नमक को जमाव से बचाने के लिए इसे एडिटिव्स के साथ फोर्टिफाइड किया जाता है, जिसकी वजह से नमक की शेल्फ लाइफ 5 से 6 साल तक कम हो जाती है।
चीनी
चीनी का स्वाद कभी भी खराब नहीं होता, भले ही वह कितने लंबे समय तक ऐसी ही रखी रही हो। इसे आप सालों साल स्टोर कर के रख सकते हैं, इसमें मौजूद पोषक तत्व कभी नष्ट नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश
संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।
उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।
ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.
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