रूस के यूक्रेन पर हमले का आज दसवा दिन है। इस हमले में रूस के राष्ट्रपति पुतिन का जो मकसद था, वो पूरा होता नहीं नज़र आ रहा है। इसी बीच भारतीय छात्रों के साथ बर्बरता के कई वीडियो सामने आ रहे हैं। इसी बीच यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर ल्वीव की और जाते हुए एक भारतीय छात्र को गोली लग गई थी। उसे घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छात्र का नाम हरजोत सिंह है।
हरजोत गाड़ी से ल्वीव की और जा रहा था। इसी दौरान उसपर हमला बोल दिया गया और गोली लगने से वो घायल हो गया। अस्पताल में भर्ती हरजोत को जैसे ही होश आया, उसने सबसे पहले अपनी मां को फ़ोन लगाया। हरजोत ने सड़को पर अनुभव की गई भयावहता को याद किया। उन्होंने कहा, ”कि मुझे एक नया जीवन मिला है, तो मैं नए सिरे से शुरुआत करना चाहता हूं। अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं।’
हरजोत लगातार दूतावास से संपर्क में हैं और वतन वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मुझे सरकार से कुछ आश्वासन मिलता है, तो मैं व्हील-चेयर पर सीमा पार कर सकता हूं। मेरे मरने के बाद चार्टर्ड प्लेन भेजने का क्या फायदा?’ संकट भरे दिन के बारे में बताते हुए सिंह ने कहा कि 27 फरवरी को वह और उनके दो दोस्त कीव से ल्वीव जा रहे थे, लेकिन ट्रेन में नहीं चढ़ सके। फिर उन्होंने निजी कैब बुक करने का फैसला किया।
#WATCH "No support from the Indian embassy yet. I have been trying to get in touch with them, every day they say we will do something but no help yet," says Harjot Singh, an Indian who sustained multiple bullet injuries in war-torn Ukraine, receiving treatment at a Kyiv hospital pic.twitter.com/8oc9urO74s
— ANI (@ANI) March 4, 2022
सिंह ने कहा कि “आमौतर पर एक कैब 3,000 से 4,000 रुपये लेती है, लेकिन हमसे 3,000 डॉलर मांगे गए। अंत में हमने 1000 डॉलर का सौदा किया लेकिन हमें एक चेक पोस्ट से वापस करने के लिए कहा गया। हमें सुरक्षा कारणों से अगले दिन यात्रा करने के लिए कहा गया था।’ वहां से लौटने के बाद सिंह गोलियों की बारिश में फंस गए। हरजोत सिंह ने कहा कि ‘मैंने देखा कि मेरी बाईं ओर गोली चल रही थी। फायरिंग एक बिल्डिंग के ऊपर से की गई थी। मैं छाती पर हाथ रखकर सड़क पर लेट गया। मुझे लगा कि एक गोली मेरे बाएं घुटने में लगी, दूसरी मेरे हाथ और फिर छाती में लगी। इसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं रहा।’
उन्होंने कहा कि ‘2 मार्च को, मुझे होश आया और डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मैं 4-5 घंटे से सड़क पर पड़ा था। उन्होंने मेरे पैर और सीने से गोली निकाल ली है। मैं अब बहुत बेहतर हूं। लेकिन मैं चल नहीं सकता।’