उत्तराखंड
कौन होगा उत्तराखंड का सीएम? आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक को बुलाया दिल्ली
एक सवाल सभी के मन में है की उत्तराखंड में बीजेपी सीएम पद की जिम्मेदारी किसे देगी? लेकिन अभी भी इस राज पर सस्पेंस बना हुआ है। बता दें कि पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक को अचानक दिल्ली बुलाया गया है। दोनों चार्टर प्लेन से दिल्ली पहुंच गए हैं। जबकि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को शुक्रवार को अचानक पार्टी आलाकमान ने दिल्ली आने के लिए बुलावा भेजा।
बीजेपी विधायक दल की बैठक टली
सूबे में सरकार के गठन के लिए आज रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक भी अब टल गयी है। इसका मुख्य कारण दिल्ली से आया बुलावा माना जा रहा है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या पार्टी एक बार फिर से 4 साल तक सत्ता संभालने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुभव को तवज्जो देगी या एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला कर सकती है।
क्या त्रिवेंद्र सिंह रावत के अनुभव को मिलेगा तवज्जो
गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सिंह की दावेदारी इस वजह से भी हो सकती है, क्योंकि उनके कार्यकाल में सभी विधायक शांत थे, लेकिन उनके जाने के बाद हरक सिंह, यशपाल आर्य संजीव आर्य जैसे नेता पार्टी छोड़कर चले गए।
मदन कौशिक की राय भी अहम
इस सब के बीच मदन कौशिक की राय बेहद महत्वपूर्ण होगी। क्योंकि वह प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनके अध्यक्ष रहते भाजपा प्रचंड बहुमत लाने में कामयाब रही है। वहीं, कार्यकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दम दिखाया। हालांकि वह खटीमा विधानसभा सीट से काफी बड़े अंतर से चुनाव हार गए। वो भी तब जब प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री लगातार उनकी पीठ ठोकते रहे।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
-
आध्यात्म2 days ago
पारंपरिक गीतों के बिना अधूरा है सूर्य उपासना का महापर्व छठ
-
नेशनल2 days ago
लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर, पीएम मोदी, नितीश कुमार समेत बड़े नेताओं ने जताया शोक
-
मनोरंजन1 day ago
बिग बॉस 18 में कशिश कपूर ने अविनाश मिश्रा को लेकर कही दिल की बात
-
नेशनल3 days ago
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली की हवा में घुला जहर, कई इलाकों में AQI 400 तक पहुंचा
-
मनोरंजन2 days ago
बिग बॉस सीजन 18 अब अपने मजेदार मोड़ पर, इसी बीच चार लोग हुए नॉमिनेट
-
प्रादेशिक2 days ago
झारखंड राज्य आदिवासियों का है और वे ही इस पर शासन करेंगे: हेमंत सोरेन
-
मनोरंजन10 hours ago
ईशान खट्टर अपनी रूमर्ड गर्लफ्रेंड चांदनी के साथ डिनर डेट पर गए, मीडिया को देख चौंका कपल